Basant Panchami 2024: माघ मेले  (Magh Mela) में बसंत पंचमी के मौके पर आज (14 फरवरी) श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ा. खराब मौसम के बावजूद संगम समेत दूसरे घाट ब्रह्म मुहूर्त पर श्रद्धालुओं की भीड़ नजर आई. बसंत पंचमी पर विद्या और ज्ञान की देवी सरस्वती की आराधना की जाती है. इस खास मौके पर माघ मेला क्षेत्र कई राज्यों की पुलिस, यूनिवर्सिटीज और मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट के लिए पाठशाला बन गया. लाखों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए यूपी पुलिस का कुशल मैनेजमेंट करीब से जानने का मौका मिला.


माघ मेला क्षेत्र बना पाठशाला


राजस्थान, झारखंड, मध्य प्रदेश और हरियाणा समेत देश के तकरीबन आधा दर्जन राज्यों की पुलिस के जवान पिछले दो दिनों से मेला क्षेत्र में डटे हुए हैं. कम्युनिटी पुलिसिंग की अवधारणा को सीखा. दूसरे राज्यों के पुलिस जवानों ने पहले डिजिटल प्रेजेंटेशन के जरिए यूपी पुलिस का कुशल मैनेजमेंट समझा. संगम समेत दूसरे घाटों, रास्तों, पांटून पुलों के साथ प्रवेश और निकास द्वारों पर किए जाने वाले इंतजामों को देखा. राज्यों की पुलिस टीम को बताया गया कि माघ मेला क्षेत्र में ड्यूटी करने वाले यूपी पुलिस बिना डंडे और अस्त्र शस्त्र के भीड़ को नियंत्रित करती है.


यूपी पुलिस का दिखा मैनेजमेंट


पुलिस कानून व्यवस्था का पालन कराते हुए श्रद्धालुओं के जान माल की सुरक्षा करती है. सेवाभाव से श्रद्धालुओं का मित्र बनकर मदद भी करती है. तमाम श्रद्धालु गंगा स्नान करते हैं. इसलिए पानी में भी श्रद्धालुओं की सुरक्षा के इंतजाम करने पड़ते हैं. इस बार गहरे जल में भी डायल 112 की इमरजेंसी सेवाएं मुहैया कराई गई हैं. पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा ने दूसरे राज्यों की पुलिस टीम को बताया कि लाखों की भीड़ को नियंत्रित करना, सकुशल स्नान कराकर घरों को वापस भेजना, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करना अत्यंत चुनौती भरा काम होता है.


उन्होंने बताया कि महीनों का होम वर्क, कुशल प्रबंधन, रणनीति और मजबूत इच्छा शक्ति के जरिए पूरा किया जाता है. एक दर्जन से ज्यादा यूनिवर्सिटीज और मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर, रिसर्च स्कॉलर और छात्र भी पुलिस प्रबंधन को जानने समझने आज माघ मेला क्षेत्र पहुंचे. दूसरे राज्यों की पुलिस और यूनिवर्सिटीज-इंस्टीट्यूट की टीमों के लिए प्रयागराज कमिश्नरेट की पुलिस आज बसंत पंचमी के दिन टीचर और ट्रेनर की भूमिका में नजर आई.


यूपी पुलिस का मैनेजमेंट सीखने आई टीमों के लिए नया अनुभव था. मध्य प्रदेश, झारखंड, हरियाणा और राजस्थान समेत दूसरे राज्यों की पुलिस टीम में शामिल अफसरों के मुताबिक माघ मेले में पुलिस मैनेजमेंट और वर्क कल्चर को अपने सूबों की पुलिस के साथ साझा करेंगे, ताकि किसी बड़े आयोजन में इस पर अमल करते हुए कार्यक्रमों को सुगमतापूर्वक संपन्न कराया जा सके. टीमों में शामिल डेलीगेट्स ने इस मौके पर पुलिस मैनेजमेंट के नोट्स तैयार किए. फोटो और वीडियोग्राफी की. श्रद्धालुओं से भी बातचीत की. कुछ विदेशी संस्थानों ने भी माघ मेले में पुलिस का बेहतर मैनेजमेंट सीखने के लिए प्रयागराज पुलिस से संपर्क किया है. मध्य प्रदेश की पुलिस टीम में शामिल सौरभ सोनी, झारखंड पुलिस टीम के रवि कुमार सिंह, पीयूष जायसवाल और अभिषेक कुमार राय के मुताबिक कम्युनिटी और फ्रेंडली पुलिस का अनुभव करियर में बेहद अहम है. 


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