Uttar Pradesh News: यूपी में अयोध्या (Ayodhya) जनपद के पूरा कलंदर थाने में एसएसआई के पद पर तैनात ओंकारनाथ मूलतः संतकबीर नगर जनपद के निवासी थे. हाल में ही उनका प्रमोशन उपनिरीक्षक से निरीक्षक पद पर हुआ था और मंगलवार की रात्रि ही नए प्रमोशन के तहत उनका स्थानांतरण पूराकलंदर से कोतवाली नगर में निरीक्षक के पद पर हुआ था. मगर विडंबना देखिए प्रमोशन पर जाने के पहले ही उन्होंने दुनिया को अलविदा (Suicide) कह दिया. थाने के सामने ही मैनुद्दीन पुर के जिस आवास में वह किराए पर रहते थे उसी के जीने की रेलिंग से उन्हीं के गमछे के फंदे से लटकता उनका शव पाया गया .


गए थे मॉर्निंग वाक पर
जिस आवास में वह रहते थे उसी में एक और उपनिरीक्षक भी रहा करते थे. रात्रि में सोने के बाद बुधवार की भोर ही ओंकारनाथ उठकर मॉर्निंग वाक पर चले गए. सुबह जब उनके साथी दरोगा नित्यक्रिया के लिए उठे तो जीने की रेलिंग के सहारे गले में गमछे के फंदे से लटकता उनका शव देखा जिसके बाद उन्होंने तत्काल इसकी जानकारी पूरा कलंदर थाने में दी. पुलिस के आलाधिकारी और फॉरेंसिक टीम के लोग मौके पर पहुंचे और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. पोस्टमार्टम हाउस में मृत ओंकारनाथ के परिजनों का रो रोकर बुरा हाल था. 


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पुलिस भी है खामोश
बताया जाता है कि ओंकारनाथ कुछ दिनों से मानसिक रूप से अवसाद में भी थे और गोरखपुर से उनका इलाज भी चल रहा था. मगर सवाल यह है कि मॉर्निंग वॉक से लौटने और बीती रात्रि तक सबसे बात करने वाले ओंकारनाथ ने खुदकुशी की या फिर किसी ने खुदकुशी का रूप दे दिया. पुलिस अफसर भी इस पर खामोश हैं और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने की बात कर रहे हैं. ओंकारनाथ के पुत्र वीरेंद्र कुमार गौतम ने बताया, पिताजी से रात्रि में 10:30 बजे बात हुई थी. उनका मानसिक संतुलन ठीक नहीं रहता था और गोरखपुर से दवा करवा रहे थे. सुबह पता चला कि एक्सपायर हो गए.


क्या कहना है लोगों का
सूत्रों की माने तो ओंकारनाथ बुधवार की भोर लगभग 6 बजे के आसपास मार्निंग वाक से वापस आए थे जबकि 6.30 बजे फंदे से लटकता हुआ उनका शव पाया गया. कुछ लोग अपना नाम सार्वजनिक न करने की शर्त पर बताते हैं कि ओंकार नाथ की हत्या भोर में नहीं उसके पहले ही हो चुकी होगी क्योंकि मॉर्निंग वॉक पर जाते समय वह दिखाई ही नहीं दिए. 


क्या है बड़ा सवाल
वहीं पुलिस अफसर इसको लेकर सधा हुआ बयान देते हैं और कहते हैं फंदे से लटकता हुआ उनका शव पाया गया. फॉरेंसिक टीम ने भी जांच की है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद मौत के कारणों की जानकारी मिलेगी और तभी आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी. अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि जीने की ग्रिल से और गमछे का फंदा बनाकर कोई कैसे फांसी लगा सकता है. वहीं पुलिस सूत्रों की मानें तो ओंकारनाथ के दोनों हाथों में मिट्टी लगी थी और उनके हाथ रेलिंग पर सटे हुए थे. ऐसे में खुदकुशी के कारणों पर बड़ा सवाल खड़ा होता है.


एसपी ने क्या कहा
एसपी सिटी अयोध्या मधुबन सिंह ने बताया, यह मामला थाना पुराकलंदर का है. आज सुबह 7:00 बजे के लगभग थाने पर सूचना प्राप्त हुई थी कि थाने पर तैनात निरीक्षक ओंकार नाथ ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. निरीक्षक ओंकारनाथ थाना से लगभग डेढ़ सौ मीटर दूरी पर किराए के मकान में रह रहे थे. मौके पर  सीढ़ियों पर फांसी से इनका शव लटका देखा गया. सूचना पर वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा मौके का निरीक्षण किया गया. फील्ड यूनिट की मदद से शव को उतरवाकर पंचनामा कराया गया. शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया और परिजनों को सूचना दी गई. मृत्यु के कारणों की समीक्षा की जा रही है. पोस्टमार्टम से जो तथ्य आएंगे उसपर कानूनी कार्रवाई की जाएगी. 


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