Atiq-Ashraf Murder: माफिया ब्रदर्स अतीक-अशरफ की हत्या के बाद मौके से गिरफ्तार किए गए तीनों शूटरों पर आज (मंगलवार) भी आरोप तय नहीं हो सके. अब अगली सुनवाई दो हफ्ते बाद 16 अक्टूबर को होगी. प्रयागराज (Prayagraj) जिला जज के छुट्टी पर होने की वजह से शूटर लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्या पर चार्ज फ्रेम नहीं हो सके. जिला जज संतोष राय मामले की सुनवाई कर रहे हैं. अदालत में तीनों शूटरों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पेशी कराई जानी थी. जिला जज के छुट्टी पर होने की वजह से सुनवाई नहीं हो सकी. एसआईटी की चार्जशीट के आधार पर आरोप तय होना है. तीनों शूटरों के खिलाफ 13 जुलाई को चार्जशीट दाखिल हुई है.


अतीक-अशरफ हत्या मामले में आरोप नहीं हुए तय 


सीजेएम दिनेश गौतम ने चार्जशीट का संज्ञान लेकर मुकदमे को परीक्षण के लिए जिजा जज के पास भेज दिया था. शूटर लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्या के खिलाफ आईपीसी की धारा 302, 307, 120बी, 419, 420, 467, 468 और आर्म्स एक्ट में चार्जशीट दाखिल की गई थी. तीनों शूटर्स अभी प्रतापगढ़ की जिला जेल में बंद हैं. 15 अप्रैल को माफिया अतीक अहमद और अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हमलावर पत्रकारों की भेष में कॉल्विन अस्पताल पहले से पहुंचे हुए थे.


तीन शूटरों ने माफिया ब्रदर्स को गोलियों से भूना था


पुलिस हिरासत में दोनों भाइयों को अस्पताल लाया जा रहा था. मौका देखकर तीनों शूटरों ने अतीक-अशरफ पर फायरिंग शुरू कर दी. गोलीबारी की घटना में माफिया ब्रदर्स की मौके पर मौत हो गई. हत्याकांड को अंजाम देने के बाद तीनों शूटरों ने सरेंडर कर दिया था. पुलिस कस्टडी में सरेआम हत्याकांड से यूपी की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हुए थे. एसआईटी की चार्जशीट में हमलावरों को 'आक्रामक' बताया गया है. सनसनीखेज वारदात का मकसद शोहरत कमाना था. हमलावरों का संबंध पश्चिमी यूपी और दिल्ली के गोगी और सुंदर भाटी गिरोह जैसे आपराधिक गुटों से भी जोड़ा गया है. 


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