Uttarakhand News: उत्तराखंड के गढ़वाल से लोकसभा सांसद और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय मीडिया प्रमुख अनिल बलूनी ने मंगलवार को केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने चमोली जिले के सीमांत क्षेत्रों में कनेक्टिविटी और विकास परियोजनाओं को गति देने के लिए 543 करोड़ रुपये की योजनाओं की मांग रखी. गृह मंत्री अमित शाह ने इस पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि गढ़वाल के सीमांत क्षेत्रों में विकास कार्यों को जल्द से जल्द आगे बढ़ाया जाएगा.
सांसद अनिल बलूनी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार सीमांत गांवों के विकास को प्राथमिकता दे रही है. प्रधानमंत्री ने इन गांवों को "देश के पहले गांव" का दर्जा दिया है और "वाइब्रेंट विलेज" जैसी योजनाओं के माध्यम से सीमावर्ती इलाकों में बुनियादी सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है. उत्तराखंड से प्रधानमंत्री मोदी का विशेष लगाव रहा है, और उनके विजन को साकार करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं.
गढ़वाल के विकास को लेकर गृह मंत्री ने दिखाई गंभीरताअनिल बलूनी द्वारा प्रस्तुत विकास योजनाओं में प्रमुख रूप से 66 नई सड़कों के निर्माण का प्रस्ताव शामिल है, जिससे दूरस्थ गांवों में आवागमन आसान होगा. सीमावर्ती इलाकों में बेहतर कनेक्टिविटी से न केवल स्थानीय लोगों को लाभ मिलेगा, बल्कि यह सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण साबित होगा.
गृह मंत्री अमित शाह ने गढ़वाल के विकास को लेकर गंभीरता दिखाई और कहा कि सीमांत क्षेत्रों की प्रगति को प्राथमिकता दी जाएगी. उन्होंने आश्वासन दिया कि प्रस्तावित योजनाओं पर जल्द ही कार्य शुरू किया जाएगा. लोकसभा चुनाव के दौरान सांसद अनिल बलूनी ने गढ़वाल की जनता से सीमांत क्षेत्रों में तेजी से विकास कार्य शुरू करने का वादा किया था. इसी वादे को निभाते हुए उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात कर इन योजनाओं को जल्द से जल्द लागू करने की मांग की.
अनिल बलूनी ने गृह मंत्री का आभार व्यक्त कियाअनिल बलूनी ने गृह मंत्री अमित शाह का विशेष आभार व्यक्त करते हुए कहा कि गढ़वाल के सीमांत गांवों के विकास को लेकर उनका रुख हमेशा सकारात्मक रहा है. उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही इन परियोजनाओं पर काम शुरू होगा और सीमांत क्षेत्रों में विकास की नई लहर देखने को मिलेगी.
सांसद अनिल बलूनी की इस पहल से उत्तराखंड के चमोली जिले के सीमांत क्षेत्रों में विकास को गति मिलेगी. खासकर कनेक्टिविटी बढ़ने से न केवल लोगों को आवागमन में सुविधा होगी, बल्कि सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर में भी सुधार आएगा. अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि इन विकास परियोजनाओं को कितनी जल्दी मंजूरी मिलती है और उन पर कार्य कब शुरू होता है.
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