Rajasthan News: राजस्थान विश्वविद्यालय (Rajasthan University) की हालत कुछ नाजुक सी हो गई है. क्योंकि, यहां पर आधे शिक्षकों के भरोसे पढ़ाई हो रही है, जिससे पठन-पाठन का कार्यक्रम प्रभावित हो रहा है. दरअसल, पिछले कई सालों से विश्वविद्यालय में सही तरीके से नियुक्ति न होने से मामला फंसा हुआ है. विश्वविद्यालय में जितनी जरूरत है, उतनी भर्ती नहीं हो पाई है. वर्तमान में यहां स्थिति ऐसी है कि जहां 1100 के आसपास शिक्षक होने चाहिए, वहां मात्र 530 के आसपास प्रोफेसर पढ़ा रहे हैं. ऐसे में कई डिपार्टमेंट्स में तो 40 की जगह 10 और आधे शिक्षकों के भरोसे पर पढ़ाई चल रही है. 


एक तरफ जहां सरकार उच्च शिक्षा को वरीयता दे रही है, वहीं दूसरी तरफ शिक्षकों के अभाव में छात्र पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं. राजस्थान विवि का राजनीति विज्ञान विभाग तो बस एक बानगी है, जहां पर 40 प्रोफेसर होने चाहिए, वहां पर सिर्फ 10 हैं. जिसमें एक प्रोफेसर, एक एसोसिएट प्रोफेसर और 8 सहायक प्रोफेसर हैं. दोनों सेमेस्टर में 280 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं, जबकि यहां पर  40 प्रोफेसर में 28 सहायक, 8 एसोसिएट और 4 प्रोफेसर होने चाहिए. इस अभाव में यहां पर पढ़ाई प्रभावित हो रही है. 


एक विभाग में सिर्फ चपरासी और प्रोफेसर
राजस्थान विवि के किसी भी विभाग में पूरे शिकक्ष नहीं है. एक विभाग तो ऐसा भी है, जहां प्रोफेसर के अलावा सिर्फ डिपार्टमेंट को खोलने वाला एक चपरासी बचा हुआ है. इसी तरीके की स्थिति पूर्व राजस्थान विश्वविद्यालय के सभी विभागों में है. पर्याप्त शिक्षक न होने की वजह से पढ़ाई प्रभावित है फिर भी वहां पर नियुक्ति नहीं हो पा रही है. विवि की वीसी प्रो अल्पना कटेजा का कहना है कि सरकार भी चाहती हैं कि भर्ती हो. हमने इस बात को 26 जनवरी को कह दिया है. भर्ती प्रक्रिया शुरू होने में थोड़ा समय लगेगा. रोस्टर बनेगा उसके बाद चीज़ें की जाएगीं. इसकी जानकारी मुझे है. 


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