Kota News: कोटा (Kota) में एक पार्क में अचानक दो दर्जन से अधिक खरगोश सुबह मॉर्निंग वॉक पर आ गए . इतनी अधिक संख्या में खरगोशों को देखकर लोग अचंभित रह गए. उनमें से कुछ तो स्वस्थ्य थे, लेकिन अधिकांश भयभीत और कमजोर थे. कुछ खरगोश घायल भी थे. लोग समझ नहीं पा रहे थे की ये खरगोश आए कहां से. यह मामला पांच फरवरी का बताया जा रहा है, लेकिन खरगोशों की तस्वीरें इस समय सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं.


जीएसएम स्क्वायड संस्था की संस्थापक सोनल गुप्ता ने बताया कि कोटा के ट्रैफिक  गार्डन में कई खरगोश देखने को मिले, जिन्हें कई जानवरों ने घायल कर दिया था और कुछ की जान चली गई. कई खरगोशों को कुत्ते और बिल्लियों ने अपना शिकार बना लिया था. दिल्ली में सीए की तैयारी कर रहे विद्यार्थी सचिन पालीवाल उस समय कोटा ट्रैफिक गार्डन अपने कुछ दोस्तों के साथ घूमने आए हुए थे. तभी उन्होंने देखा की गार्डन में बहुत सारे खरगोश इधर-उधर अपनी जान बचाने के लिए भाग रहे हैं. 


एक खरगोश हो चुका है
संस्था की संस्थापक के मुताबिक, सभी दोस्तों ने मिलकर उसमें से 25 खरगोशों को बचाया और गूगल पर ढूंढ कर कोटा में पशुओं के लिए कार्यरत संस्था जीएसएम स्क्वाड को संपर्क कर सभी खरगोशों को विज्ञान नगर स्थित संस्था के ऑफिस पहुंचाया. उन खरगोशों में से कुछ घायल हैं, तो तीन की मौत भी हो चुकी है. वहीं संस्था की ट्रस्टी महिमा गुप्ता ने बताया कि खरगोश अत्यधिक डरे हुए और चोटिल अवस्था में थे. उन्हें तुरंत चिकित्सा उपलब्ध करवाई गई और सभी का इलाज किया गया. रास्ते में आते आते हुए तीन खरगोशों ने दम भी तोड दिया. उसमें से एक खरगोश पैरालाइज हो चुका है और एक की एक आंख हमेशा के लिए जा चुकी है. एक मादा खरगोश प्रेगनेंट भी है. 


 महिमा गुप्ता ने बताया कि जब हमनें उन्हें खाना दिया तो वो बहुत ज्यादा भूखे थे. ऐसा लग रहा था मानो ना जाने कितने दिनों से भूखे हों. खरगोश शरीर से बेहद कमजोर हो चुके हैं. अब बाकी सभी खरगोश ठीक हैं और पहले से बेहतर दिखाई दे रहे हैं. शेल्टर न होने की वजह से हम उन्हें ज्यादा दिन अपने साथ नहीं रख सकते. इसलिए यदि कोई इन नन्हें जीव को घर दे सकता है तो वह जीएसएम स्क्वाड संस्था से संपर्क कर सकता है. 


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