Bundi News: राजस्थान में आम आदमी को राहत देते हुए गहलोत सरकार ने प्रशासन शहरों के साथ मिलकर अभियान शुरू किया था, जिसे 1 साल पूरा हो गया है. योजना में जब आंकड़े सामने आए तो अधिकारियों की बेरुखी सामने आई. यहां कोटा संभाग के चारों जिलों में लक्ष्य के मुताबिक 1 लाख पट्टे जारी करने थे जिसके मुकाबले 34 हजार 427 पट्टे ही प्रशासन शहरों के संग बन सके. 


सरकार ने इस योजना की शुरुआत 2 अक्टूबर 2021 को की थी. लेकिन प्रशासन शहरों के संग सरकार की मंशा के अनुरूप अधिकारी पट्टे जारी नहीं करा पाए. इस अभियान के तहत अधिक से अधिक लोगों को पट्टे मिले, इसके लिए वार्डवार शिविर लगाकर डोर-टू-डोर पट्टे बनाए गए थे, मगर नगरीय निकाय इसमें भी सफल नहीं हो पाए. योजना के तहत राज्य के प्रत्येक नगर निगम और नगर परिषद को 10 हजार पट्टे तथा नगर क्षेत्र में तीन हजार पट्टे बनाने का लक्ष्य रखा गया था.लेकिन कोटा संभाग के 23 नगर निकायों में से केवल एक इटावा नगर पालिका ने अपने लक्ष्य से अधिकपट्टे बनाए.  बाकी एक भी नगर निकाय ने सरकार की ओर से लक्ष्य पूरा नहीं किया, वहीं इस विभाग के मंत्री शांति कुमार धारीवाल का क्षेत्र भी शामिल है.


आमजन के लिए जरूरी थी योजना 


राज्य सरकार ने प्रशासन और शहरों के साथ मिलकर अभियान चलाया था ताकि आमजन को आवासों के पट्टे दुकान के पट्टे बनाने के लिए इधर-उधर नहीं भटकना पड़े. क्योंकि आमतौर पर आम आदमी अन्य दिनों पट्टा बना नहीं सकता. अभियान बंद होने से अधिकारी भी पट्टा बनाने में ज्यादा जोर नहीं देते हैं. अभियान शुरू होने के साथ ही जब  आमजन पट्टे की फाइल लेकर नगर निकाय के कर्मचारियों के पास पहुंचती है तो वह कई दस्तावेजों का बहाना लगाकर उन्हें टाल देते हैं. जबकि योजना में आवास व दुकानों के पट्टे बनवाने में जहां लोगों के 25 से 30 हजार रुपए खर्च होते हैं वह 500 रुपए में ही बन जाए. इसमें कई सरलीकरण किए गए. इसका मकसद ज्यादा से ज्यादा लोगों को फायदा पहुंचाना था.


संभाग की निकायों के हाल


निकायों के आंकड़ों की बात करें तो कोटा उत्तर नगर निगम और कोटा दक्षिण नगर निगम को 10-10 हजार पट्टे बनाए जाने थे, लेकिन कोटा उत्तर में 5 हजार 988 और दक्षिण में 1 हजार 908 पट्टे ही बन पाए.  इसी तरह कैथून में 1 हजार 129, रामगंजमंडी में 1 हजार 456, सांगोद में 654 और सुल्तानपुर में 538 पट्टे ही बने. जबकि इटावा नगर पालिका एक ऐसी नगर पालिका है जहां लक्ष्य 3 हजार था, इसके बजाय अधिकारियों ने यहां 3256 पट्टे जारी किए.वही बूंदी जिले के 6 नगरीय निकायों में प्रशासन शहरों के संग अभियान में 25 हजार पट्टे बनने थे, लेकिन 6056 ही बने. जबकि बारां जिले के पांच नगरीय निकायों में 22 हजार पट्टे बनने थे, लेकिन 7753 पट्टे ही बन पाए. वहीं झालावाड़ जिले में 5 नगरीय निकाय हैं. इनमें से 22 हजार पट्टे बनने थे, लेकिन 5889 ही बन पाए. अभी भी पांचों नगरीय निकाय लक्ष्य से 73 फीसदी दूर है.


यह भी पढ़ेंः


Baran News: बारां में तेज बारिश से किसानों की चिंता बढ़ी, खेतों में कटी पड़ी सोयाबीन की फसल को नुकसान


JoSSA Counselling 2022: आईआईटी-एनआईटी में तीसरे राउंड की रिपोर्टिंग आज, दस्तावेजों में कमी पर 7 अक्टूबर तक देना होगा रेस्पॉन्स