Rajasthan Bundi Heat Wave: राजस्थान में इन दिनों भीषण गर्मी का दौर जारी है. प्रदेश में 45 डिग्री से अधिक का तापमान होने से सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है. लोग घरों में रहकर गर्मी से बचने का जतन कर रहे हैं. इसी बीच बूंदी जिले में गर्मी और लू लगने से दो लोगों की मौत हो गई है. यहां एक मनरेगा मजदूर की तबीयत बिगड़ने के बाद मौत हो गई. वहीं एक युवक का शव सड़क किनारे मिला है. दोनों मामलों में परिजनों ने गर्मी से मौत होने की बात कही है.


बता दें 70 वर्षीय मनरेगा मजदूर तलाई में खुदाई का काम कर रही थी, तभी अचानक से उनकी तबियत बिगड़ गई. मजदूर के बेटे ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. सूचना मिलने पर सदर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और शव का पोस्टमार्टम करवा कर परिजनों को शव सौंप दिया. साथ ही पुलिस मामले की जांच कर रही है.


मनरेगा मजदूर के परिजनों ने क्या कहा?
पुलिस का कहना है कि परिजनों ने मनरेगा में काम करते समय बिगड़ी तबीयत की शिकायत दी है. उनका कहना है कि पूरा मामला पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा. खेरुना गांव निवासी भोला शंकर और रामलाल ने बताया कि 70 वर्षीय उनकी मां डल्लो भाई खेरुणा गांव स्थित एक तलाई में मनरेगा मजदूरों के साथ खुदाई का काम कर रही थी, तभी भीषण गर्मी की वजह से उनकी तबीयत खराब हो गई.


इस दौरान उन्हें लगातार उल्टियां होने लगी, तो लोगों ने हमें सूचना दी. हम मौके पर पहुंचे और मां को घर लेकर आए और यहां प्राथमिक उपचार किया गया, लेकिन तबीयत में सुधार नहीं हुआ. इसके बाद उन्हें हॉस्पिटल लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.


फ्लाई ओवर के नीचे मिला शख्स का शव
वहीं बसोली थाना क्षेत्र के नेशनल हाइवे-52 पर लकदरिया भैरुजी के पास फ्लाई ओवर से नीचे एक मंदबुद्धि व्यक्ति का शव मिलने से सनसनी फैल गई. अस्पताल में पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों के सुपुर्द किया गया. पुलिस ने बताया कि फ्लाई ओवर के नीचे मंदबुद्धि अब्दुल शईद का शव पड़ा होने की सूचना मिली थी. मौके पर पहुंचकर शव को जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों के सुपुर्द किया गया. मौत के कारणों का अभी खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन लोग प्राथमिक जांच में मौत कारण लू लगना बताया जा रहा है. 


जानकारी के अनुसार मनरेगा मजदूरों का काम करने का समय सुबह 6 से दोपहर 2 बजे तक का है. जिले में जब से भीषण गर्मी का दौर चल रहा है, तभी से सभी मनरेगा मजदूर जिला प्रशासन से समय में बदलाव करने की मांग कर रहे हैं. मनरेगा मजदूरों के अनुसार सुबह 6 से 12 तक का समय निर्धारित होना चाहिए. मजदूरों का कहना है कि गर्मी में उन्हें काम करना पड़ रहा है, जिसके चलते कई बार मजदूरों की तबीयत बिगड़ जाती है. प्रशासन द्वारा ध्यान नहीं दिए जाने के चलते एक मनरेगा मजदूर की मौत हो गई है. वहीं मृतका के परिजनों ने सरकार से उचित मुआवजा देने की मांग की है. 




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