Rajasthan Cricket Association: राजस्थान के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस (Congress) की अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) सरकार को हराकर चुनावी मैदान में जीत दर्ज कर सत्ता में काबिज हुई बीजेपी (BJP) के नेताओं का अगला निशाना राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन (RCA) है. अब क्रिकेट को लेकर प्रदेश में सियासत गर्माने लगी है. खेल परिषद की शिकायत पर राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन को सहकारिता रजिस्ट्रार की ओर से नोटिस दिया गया है. सहकारिता रजिस्ट्रार आरसीए की जांच करेगा. जारी नोटिश के पांच बिंदुओं पर आरसीए को जवाब देना होगा.


इस मामले में जांच अधिकारी जितेंद्र कुमार शर्मा को नियुक्त किया गया है. राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत (Vaibhav Gehlot) हैं. अब उनकी जगह बीजेपी के दो नेताओं के पुत्रों में से किसी एक को आरसीए की बागडोर सौंपने की तैयारी चल रही है. खेल परिषद के सचिव ने सहकारिता विभाग को आरसीए के खिलाफ राजस्थान कीड़ा अधिनियम के उल्लंघन की शिकायत करते हुए जांच के लिए पत्र लिखा था. 


खेल परिषद और आरसीए के बीच एमओयू खत्म
सहकारिता विभाग की रजिस्ट्रार अर्चना सिंह ने इस मामले में जितेंद्र सिंह को जांच अधिकारी नियुक्त कर दिया है. बता दें कि, खेल परिषद और राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के बीच का एमओयू खत्म हो गया है. एमओयू की 21 फरवरी 2024 आखिरी तारीख थी. दोनों के बीच 22 फरवरी साल 2019 से 21 फरवरी 2024 तक एमओयू साइन किया गया था. अब खेल परिषद ने आरसीए पर कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है. सूत्रों से मिली जानकारी में सामना आया है कि खेल विभाग अब आरसीए के साथ करार आगे नहीं बढ़ाएगा. 
  
ऐसे में क्रिकेट मैदान और अन्य ब्लॉक खेल परिषद के कब्जे में आ जाएंगे. इसके साथ आरसीए को भंग करके एडहॉक कमेटी बनाने की तैयारी की जा रही है. जल्द ही एडहॉक मोड पर आरसीए का संचालन किया जा सकता है. सरकार एडहॉक अध्यक्ष बनाकर चुनाव करवा सकती है. गौरतलब है कि, वैभव गहलोत पिछले साल राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के चुनाव से पहले हाईकोर्ट पहुंचे थे. हाईकोर्ट से अनुमति मिलने के बाद वो दूसरी बार अध्यक्ष बने थे. यदि आरसीए को भंग किया जाता है, तो वैभव गहलोत इसे कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं.


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