Lokesh Sharma In Jaipur: राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ओएसडी रहे लोकेश शर्मा ने फोन टैपिंग मामले में आज एक बड़ा दावा किया है. उन्होंने फोन टैपिंग मामले पर अपनी सफाई देते हुए आरोप लगाया कि जो तथाकथित रिकॉर्डिंग सबके सामने आई थी उसे खुद पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दी थी. लोकेश शर्मा ने आरोप लगाया ''उन्होंने उस रिकॉर्डिंग को सर्कुलेट करने के लिए कहा था. इतना ही नहीं अशोक गहलोत ने उन्हें एक पेन ड्राइव दी थी, जिसमें वो रिकॉर्डिंग पड़ी थी.''


हालांकि लोकेश शर्मा के आरोपों को राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के प्रदेश महासचिव स्वर्णिम चतुर्वेदी ने सिरे से खारिज कर दिया है.


लोकेश ने बुधवार को आरोप लगाते हुए कहा ''होटल से मैं निकला और सीधे मुख्यमंत्री आवास आया. जहां पर सीएम अशोक गहलोत मेरा इंतजार कर रहे थे. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उन्हें पेन ड्राइव देते हुए कहा इस पेन ड्राइव के ऑडियो रिकॉर्डिंग को आप मीडिया में सर्कुलेट कर दीजिये. जहां से लोकेश ने पेन ड्राइव लिया और लैपटॉप में पेन ड्राइव डालकर रिकॉर्डिंग को निकालकर मीडिया कर्मियों को सर्कुलेट कर दिया था. ''






यह मामल तब का है जब राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट में तनातनी थी. उस दौरान सचिन पायलट के साथ कई विधायक मानेसर में मौजूद थे. इस दावे के बाद राजस्थान में एक बड़ी राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. 


कांग्रेस पार्टी के प्रदेश महासचिव ने किया खंडन


राजस्थान में कांग्रेस पार्टी के प्रदेश महासचिव स्वर्णिम चतुर्वेदी का कहना है कि लोकेश शर्मा भारतीय जनता पार्टी के संपर्क में है और उनके नेताओं से मुलाकात के बाद इस तरह का बयान दे रहे हैं . इसमें कोई दम नहीं है.


सुबह ही दिए थे संकेत 


पूर्व ओएसडी लोकेश शर्मा ने फ़ोन टेपिंग मामले की पूरी जानकारी देने की घोषणा बुधवार की सुबह की थी. लोकेश की पिछले दिनों जब राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात हुई थी तभी किसी बड़े इस बात के संकेत मिल रहे थे. लोकेश ने आज कहा कि पिछले तीन साल लगातार पूछताछ से परेशान हो गया हूं. मैं मजबूरी में ये खुलासा कर रहा हूं. जिस व्यक्ति ने कारनामा किया था वो अब मुंह मोड़ चुके हैं. कभी 8 घंटे, 5 घंटे और कभी 9 घंटे पूछताछ से परेशान हो गया हूं. 


'भरोसे का कत्ल हुआ है' 


लोकेश शर्मा ने कहा ''मैं जांच एजेंसी और पत्रकारों को यही बताता रहा कि ऑडियो रिकॉर्डिंग सोशल मीडिया से मिला था. जबकि सच्चाई यह नहीं थी. 16 जुलाई 2020 को शाम को कुछ ऑडियो क्लिप्स वायरल हुए. जिसमें कथित तौर पर सरकार को गिराए जाने की योजना थी.''


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