Rajasthan Latest News: राजस्थान के बूंदी (Bundi) में एक सरकारी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी के कारण छह महीने के बच्चे की मौत हो गई. मासूम को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी, जिसके बाद परिजन उसे अस्पताल ले गए थे. हॉस्पिटल कर्मचारियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए सोमवार (15 अप्रैल) की सुबह परिजनों और ग्रामीणों ने जंकर हंगामा किया. अब अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में जांच के लिए एक समिति का गठन किया गया है.


देई शहर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में एक दंपती ने अपने छह महीने के बेटे बंटी को रविवार शाम करीब छह बजे आपातकालीन वार्ड में भर्ती कराया. सीएचसी के प्रभारी डॉक्टर योगेश पंवार ने बताया कि बच्चे को तेज बुखार और सांस लेने में तकलीफ के बाद गंभीर हालत में अंबु बैग सपोर्ट पर रखा गया था.


योगेश पंवार ने कहा कि ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ने प्राइमरी मेडिकल देखभाल के बाद बच्चे को रेफर कर दिया था. उन्होंने आगे कहा कि मौसम खराब होने और तेज हवा के कारण लाइट भी चली गई थी. हालांकि, बच्चा पूरे समय अंबु बैग सपोर्ट पर था और समय पर एम्बुलेंस को बुलाया गया. 


परिजनों ने किया हंगामा
डॉक्टर ने बताया कि एम्बुलेंस में ले जाते समय बच्चे की मौत हो गई. इसके बाद सोमवार सुबह मृतक के परिजनों ने अस्पताल के बाहर कर्मचारियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए प्रदर्शन किया और उन्हें सस्पेंड करने की मांग की. उन्होंने दावा किया कि बिजली गुल होने के कारण ऑक्सीजन सप्लाई रूक गई, जिससे बच्चे की मौत हो गई. वहीं सर्किल अधिकारी डीएसपी शंकर लाल मीणा ने कहा कि इस मामले में निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिए जाने के बाद प्रदर्शनकारी शांत हुए. 


जांच समिति गठित
बूंदी के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉक्टर ओपी समीर ने अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा लापरवाही और ऑक्सीजन आपूर्ति में बाधा के आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि बच्चा अंबु बैग सपोर्ट पर था और जब उसे एम्बुलेंस में ले जाया जा रहा था तब उसने दम तोड़ दिया. हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि बच्चे के परिवार के आरोपों के आधार पर सीएमओ ने मामले की जांच करने और रिपोर्ट सौंपने के लिए एक समिति का गठन किया है. उन्होंने बताया कि इस बीच सीएमओ ने सोमवार को देई में सीएचसी का दौरा किया और पीड़ित परिवार के बयान दर्ज किए.



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