Shardiya Navratri 2022: देशभर में शारदीय नवरात्रा की तैयारियां चल रही है. मंदिरों में पूजा और अनुष्ठान के कार्यक्रम किए जा रहे हैं. राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्र बाड़मेर (Barmer) जिले में स्थित हिंगलाज मां के मंदिर में ज्योत प्रज्वलित है. यह वही ज्योत है जो पाकिस्तान के बलूचिस्तान में स्थित हिंगलाज शक्तिपीठ से प्रज्वलित है. मंदिर की ज्योत पूर्व केंद्रीय मंत्री जसोल लेकर आये थे. इस मंदिर में पुजारियों के दो गुटों में बटने के बाद पुलिस और प्रशासन की ओर से किसी भी तरह की अनहोनी और माहोल खराब ना हो इसलिए दोनों गुटों की ओर से होने की जाने वाली पूजा और अनुष्ठान पर रोक लगा दी गई. आम लोगों के लिए यह मंदिर परिसर खुला है.


राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विचारक और बीजेपी नेता तरुण विजय ने इस मामले में गहलोत सरकार पर बड़ा हमला बोला. उन्होंने कहा कि हिंगलाज माता के मंदिर में नवरात्र के दौरान पूजा पर लगाई गई. तरुण विजय ने हिंदुओं के लिये काला दिन बताते हुए लिखा कि बावेजा और शाहबाज की सरकार जो नहीं कर सकी वो राजस्थान की गहलोत सरकार ने कर दिया. उन्होंने इसका पुरजोर विरोध करने की अपील की. मंदिर परिसर में पूजा पर रोक लगाने का मामला बढ़ता जा रहा है. 


एचपी दीपक भार्गव ने बताया अफवाह


बाड़मेर पुलिस ने उस खबर का खंडन किया है जो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. एसपी दीपक भार्गव ने खबर का खंडन करते हुए बताया कि शहर के हिंगलाज मंदिर में पूजा अर्चना और मंदिर में प्रवेश पर पुलिस द्वारा किसी प्रकार की कोई रोक नहीं है. खबर बेबुनियाद और झूठी फैलाई जा रही है. उन्होंने आमजन से अपील की है कि सोशल मीडिया पर वायरल अफवाहों पर ध्यान नहीं दें. एसपी भार्गव ने बताया कि बाड़मेर खत्री समाज के हिंगलाज मंदिर में समाज के ही दो गुटों के बीच में विवाद चल रहा है.


लिखित में पुलिस को शिकायत देने पर शांति व्यवस्था बनाए रखने हेतु मंदिर परिसर में नवीन कथा वाचन और नवरात्रि गरबा आयोजित करने के संबंध में कार्यपालक मजिस्ट्रेट की अनुमति के बिना आयोजन नहीं करने हेतु संबंधित पक्षों को ही पाबंद किया गया था. उन्होंने बताया कि आम जनता या खत्री समाज के मंदिर परिसर में किसी प्रकार के प्रवेश, पूजा अर्चना या दर्शन आदि पर किसी प्रकार की कोई रोक पुलिस द्वारा नहीं लगाई गई. दोनों गुट में शांति व्यवस्था स्थापित करने के लिए उन्हें पाबंद किया गया.


जानें पूरा मामला


हिंगलाज माता खत्री समाज की आराध्य देवी हैं और इस मंदिर का संचालन खत्री समाज द्वारा ही किया जाता है. बीते कुछ समय से समाज के दो गुटों में किसी बात को लेकर विवाद है. यही विवाद मंदिर में नवरात्रि पूजा पर रोक का कारण बन गया. मंदिर कमेटी के अध्यक्ष लेखराज खत्री को शहर कोतवाल गंगाराम खावा की ओर से जारी नोटिस में कहा गया है कि इस मंदिर को लेकर दो पक्षों में विवाद चल रहा है. ये दोनों पक्ष कभी भी उग्र रूप धारण कर सकता है. ऐसे में नवरात्रि के दौरान इस मंदिर में कोई भी धार्मिक आयोजन नहीं किया जाए और इस नोटिस की तत्काल पालना की जाए.


Rajasthan Congress Political Crisis: अजय माकन बोले- MLA नहीं चाहते पायलट CM बनें, गहलोत गुट ने तोड़ा अनुशासन, सोनिया को सौपेंगे रिपोर्ट


Rajasthan Political Crisis: राजस्थान के सियासी हालात पर बीजेपी की चुटकी, राजेंद्र राठौड़ ने बताया 'नाटक'