स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को 4 दिन रह गए हैं. बाजारों में तिरंगे झंडे बिकने के लिए आ गए हैं. हर घर तिरंगा अभियान भी शुरू हो गया है. वाहनों पर, घरों पर देश की शान तिरंगा लहरा रहा है. लेकिन बाजार में कपड़े या अन्य मटेरियल के झंडे मिल रहे हैं जो छोटे से लेकर बड़े हैं. लेकिन उदयपुर के एक कलाकार ने एक ऐसी झंडा बनाया है जो इतना छोटा है कि बिना लेंस के तो देख भी नहीं पाएंगे. रेत के कण से भी छोटा तिरंगा है जिसका वजन भी नहीं आ रहा है. गोल्ड से बने इस तिरंगे ने विश्व के सबसे छोटे झंडे का रिकॉर्ड बनाया है. जानिए है खासियत.

 

100 से ज्यादा विश्व रिकॉर्ड धारी इकबाल ने बनाया यह झंडा

 

तिरंगे झंडे को बनाया है उदयपुर के शिल्पकार इकबाल सक्का ने जो इसी प्रकार की चोटी वस्तुएं बनाने में माहिर है और अब तक 10 से ज्यादा रिकॉर्ड अपने नाम कर किए हैं. इससे कुछ ही दिनों पहले उन्होंने विश्व का सबसे छोटा हैंड बैग बनाया था और नीलामी के लिए पीएम ऑफिस में पत्र लिखा था.

 

नीलामी की राशि बाढ़ पीड़ितों के दान करने की बात कही थी. अब यह झंडा बनाया है जिसका नाम दिया है भारतीय करिश्माई तिरंगा झंडा. यह इतना छोटा है कि जब वजन के लिए रखा गया तो कोई वजन ही नहीं आया और तो और 12 नंबर की सुई जिसमे धागा डालना आसान नहीं, उसके छेद में से यह निकल जाता है. 

 

18 घंटे में बनाकर तैयारी किया

इकबाल सक्का ने बताया कि कनाडा में कॉलेज विद्यार्थियों देश की आजादी के 75वें अमृत महोत्सव की खुशी में इसे बनाया है. इससे बनाने ने 18 घंटे का समय लगा है. रेत के कण से भी छोटा है और लेंस की मदद से देखा जा सकता है. कनाडा में कॉलेज के कुछ छात्रों ने उनके देश का झंडा बनाया था. वह कुछ 2 से 3 सेंटीमीटर का था लेकिन हमारा वाला इससे तो कई गुना छोटा है. देश के आधुनिक राष्ट्र संग्रहालय भारत सरकार नई दिल्ली में रखने के लिए भारत की महामहिम राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को पत्र लिखा और निवेदन किया है.