Punjab News: वारिस पंजाब दे (Waris Punjab De) का प्रमुख अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) और उसके साथी असम की डिब्रूगढ़ जेल (Dibrugarh Jail) में बंद हैं. राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत के तहत अमृतपाल सिंह और उसके साथियों की गिरफ्तारी की गई थी. अब अमृतपाल सिंह की मां बलविंदर कौर (Balwinder Kaur) ने केंद्र सरकार से आग्रह किया है कि उनके बेटे को पंजाब की जेल में शिफ्ट किया जाए. उनका कहना है कि डिब्रूगढ़ जेल में बंद अमृतपाल सिंह और साथियों से मिलने में परिजनों को काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है.


साथ ही बलविंदर कौर ने कहा कि जेल में बंद कैदियों को अपने वकीलों से मिलने के अधिकार से भी वंचित कर दिया गया है. कौर ने कहा कि अमृतपाल सिंह और उसके साथियों को अपने वकीलों से मिलने नहीं दिया जा रहा. इसकी वजह से वो जेल में भूख हड़ताल पर बैठने के लिए मजबूर हुए हैं. उन्होंने कहा कि अमृतपाल सिंह की भाभी और 7 साल की भतीजी भी उससे मिलने के लिए डिब्रूगढ़ जेल गए थे, लेकिन उन्हें भी मिलने नहीं दिया गया. छह घंटे की कोशिश के बाद वो बिना मिले ही वापस आ गए.


अमृतपाल और उसके साथियों की रिहाई की मांग उठाए


वहीं बलविंदर कौर ने सभी सिख जत्थेबंदियों को निशान साहिब के नीचे इकट्ठे होकर अमृतपाल सिंह और उनके साथियों की रिहाई की मांग उठाने के लिए कहा. दमदमी टकसाल संगरावां ग्रुप की ओर से 15 अक्तूबर को खालसा वहीर निकाली जाएगी. इसमें वहीर दमदमा साहिब से शुरू होकर खडूर साहिब तरनतारन में इकट्ठी होगी. इसको लेकर बलविंदर कौर को कहना है कि जत्थेबंदियां खालसा वहीर के दौरान भी रिहाई के लिए आवाज उठाएं. दूसरी तरफ दमदमी टकसाल के संगरावां गुट के प्रमुख राम सिंह ने भी सिख कैदियों को वकीलों से मिलने की अनुमति नहीं मिलने पर कड़ी निंदा करते हुए इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया.


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