Punjab News: पंजाब विधानसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) ने अपना सबसे बुरा प्रदर्शन किया है. 100 साल पुरानी पार्टी विधानसभा चुनाव में सिर्फ तीन सीटों पर ही जीत दर्ज कर पाई. शिरोमणि अकाली दल की ओर से पार्टी को दोबारा खड़ा करने की कोशिश शुरू कर दी गई है. शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) ने हाल में हुए पंजाब विधानसभा चुनाव के परिणाम पर आत्ममंथन करने और पार्टी को मजबूत करने को लेकर जमीनी हकीकत से रूबरू होने के लिये बृहस्पतिवार को 12 सदस्यीय समिति का गठन किया.


आम आदमी पार्टी पहली बार राज्य की 117 विधानसभा सीटों में से 92 पर जीत हासिल कर सत्ता में आई है. आम आदमी पार्टी की लहर के बीच शिरोमणि अकाली दल के मुखिया सुखबीर सिंह बादल और पांच बार के सीएम प्रकाश सिंह बादल को भी हार का सामना करना पड़ा.


पार्टी द्वारा जारी एक बयान के अनुसार समिति शिअद के मूल सिद्धांतों की रक्षा के सिलसिले में व्यापक बदलावों की सिफारिश करने के अलावा संगठनात्मक स्तर पर आवश्यक बदलावों के बारे में सुझाव देगी. बयान में कहा गया है कि पार्टी में विभिन्न स्तरों से फीडबैक लेने के बाद समिति का गठन किया गया है. समिति में पार्टी की कोर कमेटी, विधायक, उम्मीदवार, जिला अध्यक्ष, युवा अकाली दल (वाईएडी) और भारतीय छात्र संगठन (एसओई) के सदस्य शामिल हैं.


इसलिए मुश्किल में है अकाली दल


समिति में वरिष्ठ नेता बलविंदर सिंह भुंदर, चरणजीत सिंह अटवाल, बीबी जागीर कौर, प्रेम सिंह चंदूमाजरा, महेशिंदर सिंह ग्रेवाल, दलजीत सिंह चीमा, सिकंदर सिंह मलूका, हीरा सिंह गाबरिया, गुलजार सिंह रानिके, शरणजीत सिंह ढिल्लों, जनमेजा सिंह सेखों और सुरजीत सिंह राखड़ा शामिल हैं.


बता दें कि शिरोमणि अकाली दल के लिए आगे ही राह आसान नज़र नहीं आ रही है. पार्टी के भीतर बादल परिवार के नेतृत्व को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं. इसके अलावा बिक्रम सिंह मजीठिया के जेल में होने की वजह से भी पार्टी की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं.


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