Haryana News: उड़ीसा ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप 2022 को सबसे कम उम्र में जीतकर रोहतक की रहने वाली 14 वर्षीय उन्नति हुड्डा अपने घर लौट आई. उसकी इस जीत को लेकर परिवार ही नहीं पूरा प्रदेश खुश है. उन्नति हुड्डा का लक्ष्य अब ओलंपिक में मेडल जीतकर देश का नाम रोशन करना है. फिलहाल जिस पिता ने उनके बैडमिंटन के लिए सरकारी नौकरी छोड़ी उसके सपनों को पूरा करने में वह जुटी हुई है.


उन्नति ने किया नाम रौशन
कटक में आयोजित हुई उड़ीसा ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप 2022 में रोहतक की रहने वाली उन्नति हुड्डा ने बड़ा उलटफेर करते हुए जहां सेमीफाइनल में मालविका बंसोड़ को हरा दिया, वहीं फाइनल मैच में तोषनीवाल को 21-18 व 21-11 के सीधे सेटों में हराकर एकल खिताब पर कब्जा कर लिया और सुपर 100 में सबसे कम उम्र में जीत हासिल करने वाली खिलाड़ी बन गई. अपनी इस जीत के बाद उन्नति हुड्डा रोहतक स्थित अपने आवास पर पहुंची. जहां पर मिठाई खिलाकर उसका स्वागत किया गया.


पिता ने छोड़ी सरकारी नौकरी
वहीं अब उसका लक्ष्य अपनी रैंकिंग को बेहतर बनाने के साथ-साथ देश के लिए ओलंपिक में मेडल लाना है. जिसके लिए वह मेहनत करने में जुटी हुई है. उन्नति हुड्डा रोहतक के छोटूराम स्टेडियम में एक सरकारी एकेडमी में प्रैक्टिस करती है. बेटी के सपनों के लिए पिता उपकार हुड्डा ने भी अपनी सरकारी नौकरी छोड़ दी. क्योंकि खेल के लिए वह बेटी को समय नहीं दे पा रहे थे. यही नहीं उन्नति नॉनवेज नहीं खाती है, इसलिए उनकी मां उनके साथ जाकर खाना बनाती है.


सबसे कम उम्र की है खिलाड़ी
उन्नति हुड्डा इस प्रतियोगिता में सबसे कम उम्र की खिलाड़ी थी. उन्होंने कहा के बड़े बड़े स्टार के साथ खेलने से उन्हें कुछ सीखने को मिला है और खेल के दौरान उन पर कोई प्रेशर नहीं था. उन्होंने कहा कि पीवी सिंधु, साइना नेहवाल और ज्वाला गुट्टा जैसे खिलाड़ियों ने अपनी मेहनत के बल पर देश का नाम रोशन किया है और वह भी उसी तरह मेहनत कर देश का नाम ऊंचा करेंगी और एक दिन ओलंपिक में मेडल लेकर आएंगी. यही नहीं अब वे अपनी रैंकिंग को सुधारने के लिए प्रैक्टिस कर रही हैं. उन्नति नॉनवेज नहीं खाती है इसलिए जब भी कोई चैंपियनशिप में जाना होता है तो उनकी मां उनके साथ जाती है और वहीं उनके खाने का ध्यान रखती हैं.


कोच का भी बड़ा हाथ
पिता उपकार हुड्डा का कहना है कि बेटी ने जो जीत हासिल की है उसके पीछे कोच प्रवेश कुमार का बहुत बड़ा हाथ है. जो रोहतक में सरकारी एकेडमी चलाते हैं. उन्नति भी उसी सरकारी एकेडमी में प्रैक्टिस करती है. पिता अपनी बेटी को खेल में समय नहीं दे पाते थे इसलिए उन्होंने अपनी सरकारी नौकरी छोड़ दी और सिर्फ बेटी के खेल के लिए अपना पूरा समय दे रहे हैं.


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