Chandigarh News: समलैंगिक जोड़ों के ‘लिव-इन’ में रहने पर हाईकोर्ट का बड़ा बयान, कहा- ‘प्यार-आकर्षण और स्नेह की कोई सीमा नहीं'
हाईकोर्ट में जालंधर निवासी दो प्रेमिकाओं ने लिव इन रिलेशनशिप में रहते हुए अपनी जान को खतरा बताया है. जिसको लेकर हाईकोर्ट ने जालंधर एसएसपी को दो महिला सुरक्षाकर्मी उपलब्ध कराने का आदेश दिया है.
Punjab News: पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने गुरुवार को सहमति संबंध में सुरक्षा की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर सुनवाई की. इस दौरान कोर्ट की तरफ से कहा गया कि समान लिंग वाले लोगों का लिव इन रिलेशनशिप में रहना कानूनी अपराध नहीं है. हाईकोर्ट ने कहा कि संविधान का अनुच्छेद-21 तब तक देश के प्रत्येक नागरिक के जीवन और स्वतंत्रता रक्षा करता है, जब तक उसे कानून से वंचित ना किया गया हो. कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के दौरान जालंधर एसएसपी को याचिकाकर्ताओं को दो महिला सुरक्षाकर्मी दिए जाने का आदेश दिया.
‘दो प्रेमिकाओं ने बताया था जान का खतरा’
जालंधर निवासी दो प्रेमिकाओं ने लिव इन रिलेशनशिप में रहते हुए अपनी जान को खतरा बताया था. जिसको लेकर उन्होंने हाईकोर्ट में सुरक्षा की गुहार लगाई थी. इन युवतियों द्वारा कोर्ट को बताया गया कि वो दोनों आपस में प्यार करती है और पिछले चार सालों से लिव इन रिलेशनशिप में रह रही है. युवतियों की याचिका को सुनने के बाद हाईकोर्ट ने कहा कि यह निर्विवाद है, उन दोनों की आयु 18 साल से अधिक है, वो व्यस्क है.
‘प्यार, आकर्षण और स्नेह की कोई सीमा नहीं’
हाईकोर्ट की तरफ से कहा गया कि समान लिंग वालों का लिव-इन रिलेशनशिप में साथ रहना कानून के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन नहीं है. प्यार, आकर्षण और स्नेह की कोई सीमा नहीं होती है, यहां तक की लिंग की भी कोई सीमा नहीं होती है. सभी को अपनी इच्छानुसार जीवन जीने का अधिकार है. हाईकोर्ट ने कहा कि जान से खतरे के आरोप अगर सच निकलते हैं तो इससे किसी के जीवन को अपूरणीय क्षति हो सकती है. हाईकोर्ट ने जालंधर एसएसपी को 2 सप्ताह तक महिला सुरक्षाकर्मी उपलब्ध करवाने का आदेश दिया है. वहीं प्रतिदिन के हिसाब से उनकी सुरक्षा की समीक्षा करने का आदेश भी दिया है.
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