Haryana Political Crisis: लोकसभा चुनाव की वोटिंग से पहले हरियाणा में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है. मंगलवार को तीन निर्दलीय विधायकों ने अपना समर्थन बीजेपी सरकार से वापस ले लिया है. इसमें निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान (दादरी), रणधीर सिंह गोलन (पुंडरी) और धर्मपाल गोंदर (नीलोखेड़ी) शामिल है. उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश कांग्रेस प्रमुख उदय भान की मौजूदगी में रोहतक में संवाददाता सम्मेलन के दौरान अपने फैसले की घोषणा की. इसकी वजह से अब नायब सिंह सैनी सरकार राज्य विधानसभा में अल्पमत में आ गई है. 


हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा में सदस्यों की मौजूदा क्षमता 88 है. सरकार के पास अब बहुमत से दो विधायक कम हैं. वहीं हाल ही के दिनों में जननायक जनता पार्टी (जजपा) के कुछ विधायकों ने बीजेपी को समर्थन देने का संकेत दिया है, हालांकि जजपा ने मार्च में गठबंधन सरकार से समर्थन वापस ले लिया था. विधानसभा में बीजेपी के 40, कांग्रेस के 30 और जजपा के 10 विधायक हैं.


निर्दलीय विधायकों ने क्या बताई वजह?
नीलोखेड़ी से निर्दलीय विधायक धर्मपाल गोंदर ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि हम सरकार से समर्थन वापस ले रहे हैं. हम अब कांग्रेस के साथ हैं. हमने किसानों से जुड़े मुद्दों, महंगाई और बेरोजगारी सहित विभिन्न मुद्दों पर यह निर्णय लिया है. 


पुंडरी से निर्दलीय विधायक रणधीर सिंह गोलन ने कहा कि हमने ईमानदारी के साथ बीजेपी सरकार को अपना समर्थन दिया था. लेकिन, आज बेरोजगारी चरम पर है, महंगाई और किसानों के मुद्दे भी हैं. समाज का हर वर्ग तंग आ चुका है. लोगों को परिवार पहचान पत्र और संपत्ति आईडी प्रणाली से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. जब पूछा गया कि उन्होंने पहले इन मुद्दों पर क्यों नहीं बोला, तो गोलन ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान भी उन्होंने अपनी आवाज उठाई थी.


दादरी से निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान, हमने उनकी (बीजेपी सरकार) गलत नीतियों का विरोध किया. मैंने स्कूलों में पर्याप्त कर्मचारी नहीं होने जैसे मुद्दे भी उठाए. एक सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘हम राज्य की सभी 10 लोकसभा सीटें जीतने में मदद करने के लिए कांग्रेस का समर्थन करेंगे."


वहीं कांग्रेस की तरफ से एक बयान में कहा कि तीनों विधायकों ने पहले ही राज्यपाल को पत्र भेजकर कहा है कि उन्होंने सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है.


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