Uddhav Thackeray Podcast: उद्धव ठाकरे ने संजय राउत को दिए एक इंटरव्यू में कई मुद्दों पर खुलकर अपनी बातें कही है. 'सामना' में छपी एक खबर के अनुसार, उद्धव ठाकरे ने UCC के मुद्दे पर कहा, 'समान नागरिक कानून का आपने जो मुद्दा उठाया, उसे उस वक्त शिवसेना प्रमुख ने खुलकर समर्थन दिया ही था. अनुच्छेद 370 हटाने का खुले तौर पर समर्थन किया था. क्योंकि उस समय हिंदुत्व का एक सपना था. हिंदुत्व से प्यार था और उस हिंदुत्व की एक विचारधारा के कारण शिवसेना प्रमुख ने इन मुद्दों को खुलकर समर्थन दिया. उसी तरह मैंने भी दिया है'.


संजय राउत के सवाल और उद्धव का जवाब
इसके बाद ठाकरे से संजय राउत ने सवाल पूछा कि, फिर अब का हिंदुत्व अलग है? इसका जवाब देते हुए उद्धव ने कहा, 'अब उनके हिंदुत्व को जांचने का समय आ गया है ये इसलिए मैं कहता हूं, तब जनसंघ की या उनकी घोषणा थी, एक विधान, एक निशान, एक प्रधान. अब उसमें ही उन्होंने जोड़ दिया ‘एक ही पार्टी’. जिसे मैं और जनता कदापि मंजूर नहीं कर सकते. देश एक मंजूर. एक निशान मंजूर. एक प्रधान कहें तो वो जनता द्वारा चुना हुआ होना चाहिए. लेकिन एक दल की यदि जब आप बात करते हो तो हम कभी भी मंजूर नहीं करेंगे.'


अपने ऊपर लगे आरोपों पर दिया जवाब
उद्धव ठाकरे ने अपने ऊपर लगे, 'आपने हिंदुत्व छोड़ा?' के आरोपों पर भी जवाब दिया. उन्होंने कहा, 'जिस गुट ने शिवसेना से बेईमानी की, उनका भी यही आरोप है कि उद्धव ठाकरे साहेब ने हिंदुत्व छोड़ा. हिंदुत्व का विचार छोड़ा… बालासाहेब के विचार छोड़े…मतलब क्या छोड़ा? यही तो मेरा प्रश्न है. हिंदुत्व मतलब कोई धोती नहीं है. ये मैंने पहले भी कहा था. जब जरूरत हो तब सुविधानुसार पहन ली और बाद में उतार दी. ऐसा दिखावटी हिंदुत्व हमारा नहीं है. ये बिल्कुल हिंदुत्व नहीं है. पहले कांग्रेस के दौर में इस्लाम खतरे में कहकर मोर्चे निकलते थे और नारेबाजी होती थी. अब हिंदू जनाक्रोश मोर्चे निकल रहे हैं, तो नौ साल आपने किया क्या?'


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