Sanjay Raut Jailed: मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार शिवसेना सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) सोमवार को मुंबई की एक विशेष अदालत में पेश किया. यहां से कोर्ट ने उन्हें जेल 22 अगस्त तक जेल भेज दिया है. अब वे आर्थर रोड जेल में बंद रहेंगे. इस बीच संजय राउत के वकील ने कोर्ट से कहा की उन्हें ED कस्टडी में जो कुछ अनुमति थी उसे जेल में भी दी जाए. वकील ने कहा कि उन्हें घर का खाना दिया जाए और दवाई दी जाए. वहीं कोर्ट ने राउत का मेडिकल पेपर देखा और कहा की इसे देखने से यह समझ में आता है कि आरोपी की तबियत (हार्ट) की तकलीफ़ है. इसलिए अदालत ने कहा कि उन्हें घर का खाना जेल कस्टडी में दिया जाए और उनकी दवाइयां भी जेल कस्टडी में दी जाएं.


अदालत ने घर का खाना और दवाईयां देने को कहा


अदालत ने आदेश दिया कि आर्थर रोड जेल के सूपरिंटेंडेंट को इस बात की जानकारी दी जाए ताकि घर का खाना और डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाई उन्हें दिया जाए. वहीं बेड के संदर्भ में अदालत ने कहा कि हम कुछ कह नहीं सकते हैं, उसके बारे में जेलर ही बता सकता है. बता दें कि अदालत ने पिछले गुरुवार को राउत की ईडी हिरासत 8 अगस्त तक बढ़ा दी थी, जबकि एजेंसी ने शिवसेना नेता से जुड़े धन शोधन मामले की जांच में "उल्लेखनीय प्रगति" की थी. ईडी ने तब आठ दिनों के लिए उसकी और हिरासत मांगी थी, यह कहते हुए कि उसने पैसे के एक नए निशान का पता लगाया है. यह दावा किया गया कि राज्यसभा सदस्य राउत को 1.17 करोड़ रुपये अपराध की आय के अलावा 1.06 करोड़ रुपये का लाभार्थी पाया गया, जो पहले सामने आया था.


Maharashtra TET घोटाले की लिस्ट में शिंदे कैंप के विधायक अब्दुल सत्तार की बेटियों के नाम होने का आरोप, पूर्व मंत्री ने कही ये बात


1 अगस्त से ईडी की हिरासत में थे सेना सांसद


शिवसेना नेता को 1 अगस्त को उपनगरीय गोरेगांव में पात्रा चॉल (पंक्ति मकान) के पुनर्विकास में कथित वित्तीय अनियमितताओं के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था. ईडी ने कहा था कि जांच के दौरान जब्त किए गए दस्तावेजों से पता चलता है कि राउत द्वारा पड़ोसी रायगढ़ जिले के अलीबाग में संपत्तियों की खरीद में पर्याप्त नकद लेनदेन शामिल था. जांच एजेंसी ने दावा किया था कि संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत के बैंक खाते में 1.08 करोड़ रुपये पाए गए.


Transgender Community Policy: ट्रांसजेंडर समुदाय के लिए नौकरियों में स्पष्ट नीति की मांग, ट्रिब्यूनल ने महाराष्ट्र सरकार को दिया 6 महीने का समय