Pune Porsche Car Accident: महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने पुणे पोर्शे दुर्घटना (Porsche Crash) के संदर्भ में कहा कि जुवेनाइल एक्ट के तहत अगर कोई नाबालिग भी गलती करता है तो सबसे पहली कार्रवाई उसके माता-पिता पर होती है, इसलिए माता-पिता को अपने बच्चों को स्टीयरिंग व्हील देने से पहले सोचना चाहिए. फडणवीस ने अभिभावकों से अपील की कि आजादी को मनमानी न बनने दें. फडणवीस ने ये बातें पुणे दुर्घटना मामले में हुई कार्रवाई को लेकर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कही.


डिप्टी सीएम फडणवीस ने कहा कि ''पुणे की घटना बहुत गंभीर है. हमें उस घटना का अंदाज़ा है जिस घटना में एक युवक और एक युवती की मौत हो गई. इस घटना को लेकर लोगों में नाराजगी है. आज मैंने पुलिस विभाग की बैठक की, इसमें अब तक क्या हुआ, अगली कार्रवाई क्या होगी और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या सावधानियां बरतनी हैं, इस पर विस्तृत चर्चा हुई.''


निर्भया केस के बाद कानून में हुए संशोधन का किया जिक्र
फडणवीस ने कहा कि इस घटना के बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए रिमांड के आवेदन में आईपीसी 304 का साफ तौर पर जिक्र किया है. इसमें लिखा है कि चूंकि यह लड़का 17 साल 8 महीने का है, इसलिए निर्भया केस के बाद कानून में हुए संशोधन के मुताबिक 16 साल से ऊपर के किसी भी बच्चे को गंभीर अपराध में वयस्क माना जा सकता है.


डिप्टी सीएम ने कहा कि इस संबंध में मेरे पास रिमांड एप्लिकेशन है. यह बिल्कुल स्पष्ट है कि आरोपी पर वयस्क के रूप में मुकदमा चलाने की अनुमति दी जानी चाहिए. पुलिस का कहना है कि ये मामला 304A का नहीं बल्कि 304 का है. डिप्टी सीएम फडणवीस ने कहा कि दुर्भाग्य से जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने इस संबंध में एक अलग रुख अपनाया.


नाबालिगों के शराब बेचने वालों पर कार्रवाई- फडणवीस
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि नाबालिगों को शराब परोसने वालों पर कार्रवाई की गई है. चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है. कोर्ट ने उन्हें चार दिन की रिमांड पर लिया है. इसके अलावा लड़के के पिता के खिलाफ भी मामला दर्ज कर लिया गया है. फडणवीस ने कहा कि बेटे के नाबालिग होने के बाद भी उसे कार देना कानून के मुताबिक अपराध है, इसलिए पुलिस ने उनके खिलाफ कार्रवाई की है. 


माता-पिता को भी रखना होगा ध्यान - फडणवीस
डिप्टी सीएम फडणवीस ने अभिभावकों से खास अपील की है. उन्होंने कहा, ''इस संबंध में मेरा माता-पिता के लिए भी एक संदेश है, उन्हें भी ध्यान देना चाहिए कि स्वतंत्रता मनमानी नहीं है. माता-पिता को ध्यान देना चाहिए कि जुवेनाइल जस्टिस एक्ट में माता-पिता के खिलाफ जो भी प्रावधान बनाया गया है वह हर समय लागू रहेगा. इसलिए माता-पिता को इस प्रकार काम करना चाहिए कि उनके बच्चों को उचित दिशा मिल सके.''


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