महाराष्ट्र में 246 नगरपालिकाओं और 54 नगरपंचायतों के चुनाव नतीजे सामने आ चुके हैं. इन चुनावों में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट) को कई जगहों पर सफलता मिली है. इन्हीं नतीजों के बीच लोनावला से एक ऐसी कहानी सामने आई है, जिसने लोगों का दिल जीत लिया है. यह कहानी है फल बेचने वाली भाग्यश्री जगताप की, जो अब अपने इलाके की कॉर्पोरेटर बन चुकी हैं.

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भाग्यश्री जगताप पिछले करीब दस सालों से लोनावला में फल बेचकर अपने परिवार का पालन-पोषण कर रही थीं. आम लोगों की तरह उन्होंने भी मेहनत, ईमानदारी और सादगी के साथ अपनी जिंदगी जी. चुनाव के दौरान उन्होंने बड़े-बड़े वादों के बजाय अपने काम और व्यवहार के दम पर लोगों का भरोसा जीता. नतीजा यह रहा कि मतदाताओं ने उन पर विश्वास जताया और उन्हें कॉर्पोरेटर चुन लिया.

चुनाव जीतने के बाद भाग्यश्री ने नहीं छोड़ा फल बेचना

बता दें कि सबसे खास बात यह है कि चुनाव जीतने के बाद भी भाग्यश्री ने अपनी जड़ों को नहीं छोड़ा. नतीजे आने के महज 24 घंटे के अंदर वह फिर से अपनी फल की टोकरी लेकर सड़क पर नजर आईं. जिस काम ने सालों तक उनका पेट पाला, उसी काम को उन्होंने प्राथमिकता दी. भाग्यश्री का कहना है कि वह कॉर्पोरेटर बनने के बाद भी फल बेचती रहेंगी और जनता की सेवा पूरी ईमानदारी से करेंगी.

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कॉर्पोरेटर के हाथों से पेरू खरीदते दिखे ग्राहक

लोनावला में ग्राहक कॉर्पोरेटर के हाथों से पेरू खरीदते और उसकी मिठास चखते नजर आए. तो हर कोई इस सादगी की तारीफ करने लगा. यह तस्वीर बताती है कि राजनीति सिर्फ सत्ता नहीं, बल्कि सेवा भी हो सकती है.

भाग्यश्री जगताप की यह कहानी लोकतंत्र की ताकत को दिखाती है, जहां आम मेहनतकश महिला भी जनता के भरोसे से जनप्रतिनिधि बन सकती है. अपनी सादगी को कायम रख सकती है.

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