Maharashtra Local Body Elections: महाराष्ट्र में हुए नगरपालिका और नगर पंचायत चुनावों के नतीजों ने राज्य की राजनीति में बड़ा संदेश दे दिया है. सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन ने इन चुनावों में शानदार प्रदर्शन करते हुए भारी बहुमत हासिल किया है. कुल 288 सीटों (246 नगर परिषद और 42 नगर पंचायत) में से महायुति ने 207 सीटों पर जीत दर्ज की है, जबकि महाविकास आघाड़ी (MVA) को सिर्फ 44 सीटों पर संतोष करना पड़ा.

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महायुति का दबदबा, बीजेपी बनी सबसे बड़ी पार्टी

चुनाव नतीजों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. बीजेपी ने अकेले 117 सीटों पर जीत हासिल की. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने 53 सीटें जीतीं, जबकि उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) को 37 सीटें मिलीं.

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वहीं विपक्षी महाविकास आघाड़ी को बड़ा झटका लगा है. कांग्रेस ने 28 सीटें जीतीं, शरद पवार गुट की एनसीपी सिर्फ 7 सीटों पर सिमट गई और शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) को केवल 9 सीटें मिलीं. अन्य दलों और निर्दलीयों ने कुल 32 सीटों पर जीत दर्ज की.

सातारा में अमोल मोहिते की रिकॉर्ड जीत

सातारा नगरपालिका चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार अमोल मोहिते ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की. उन्होंने 42 हजार वोटों के भारी अंतर से चुनाव जीता. अमोल मोहिते को कुल 57,596 वोट मिले, जबकि शरद पवार गुट की उम्मीदवार सुवर्णादेवी पाटील को केवल 15,556 वोट मिले. यह अंतर किसी विधानसभा चुनाव के बराबर माना जा रहा है और इसे बीजेपी के लिए बड़ी राजनीतिक जीत के रूप में देखा जा रहा है.

सिर्फ एक वोट से चुनाव हारे बीजेपी उम्मीदवार

जहां एक ओर भारी जीत की खबरें आईं, वहीं गडचिरोली से बेहद करीबी मुकाबले की कहानी भी सामने आई. बीजेपी उम्मीदवार संजय मांडवगडे वार्ड नंबर 4 से सिर्फ एक वोट से चुनाव हार गए. उन्हें 716 वोट मिले, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार श्रीकांत देशमुख को 717 वोट हासिल हुए. यह परिणाम लोकतंत्र में हर वोट की अहमियत को दर्शाता है.

लोहा नगर परिषद में वंशवाद की हार

लोहा नगर परिषद में बीजेपी की वंशवाद आधारित रणनीति असफल रही. यहां अध्यक्ष पद के उम्मीदवार गजानन सूर्यवंशी समेत एक ही परिवार के छह सदस्य चुनाव हार गए. यह नतीजा स्थानीय स्तर पर मतदाताओं की नाराजगी को दर्शाता है.

महाराष्ट्र की 288 नगर परिषदों और नगर पंचायतों के लिए चुनाव दो चरणों में संपन्न हुए. पहले चरण में 2 दिसंबर को 263 स्थानीय निकायों में मतदान हुआ, जबकि दूसरे चरण में 20 दिसंबर को शेष 23 नगर परिषदों और कुछ रिक्त पदों के लिए वोट डाले गए. धुले की डोंडाईचा नगर परिषद और सोलापुर की अनगर नगर पंचायत में बीजेपी ने निर्विरोध जीत दर्ज की.

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का बयान

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने महायुति की जीत पर खुशी जताते हुए कहा, "यह जनता का विश्वास है." उन्होंने बताया कि बीजेपी पार्षदों की संख्या 2017 में 1,602 थी, जो अब बढ़कर 3,325 हो गई है. कुल 6,952 पार्षदों में से महायुति ने 4,331 सीटों पर जीत हासिल की है. फडणवीस ने इसे विकास की राजनीति की जीत बताया.

संजय राउत ने कहा, चुनाव में पैसों की बारिश हुई

शिवसेना (उद्धव ठाकरे) के सांसद संजय राउत ने कहा, "बीजेपी ने 120-125 सीटें जीतीं, शिंदे गुट ने 54 सीटें जीतीं और अजित पवार ने 40-42 सीटें जीतीं. ये आंकड़े विधानसभा चुनाव जैसे ही हैं, है ना? वही तंत्र, वही व्यवस्था, वही पैसा. यह हमारी लोकतंत्र है." आंकड़े बिल्कुल नहीं बदले हैं. बीजेपी ने तंत्र उसी तरह से लगाया. इसीलिए वही आंकड़े दिख रहे हैं. उन्हें कम से कम आंकड़े तो बदलने चाहिए थे. उन्होंने कहा कि यह चुनाव पैसों की बारिश थी. उस बारिश में कौन टिकेगा? हमारी लगाई हुई और बोई हुई खेती भी उसका शिकार हो गई.

बीजेपी और शिंदे गुट 30 करोड़ रुपये के बजट वाली नगरपालिका पर 150 करोड़ रुपये खर्च कर रहे हैं. राउत ने कहा कि अब तक हमने नगरपालिका चुनावों में प्रचार के लिए हेलीकॉप्टर या निजी विमानों का इस्तेमाल नहीं किया. हमने यह चुनाव कार्यकर्ताओं पर छोड़ दिया, लेकिन यहां प्रतिस्पर्धा सत्ताधारी दलों में थी. प्रतिस्पर्धा हमारे बीच नहीं थी. सत्ता में बैठे तीनों दल एक-दूसरे के खिलाफ खेलते रहे. इससे बहुत पैसा बना. इससे पैसों की बारिश हुई. लोगों को पैसे से वोट देने की आदत हो गई है, ऐसा संजय राउत ने गुस्सा व्यक्त करते हुए कहा.