महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल तेज हो गई है, खासकर तब जब दो दशकों के बाद ठाकरे ब्रदर्स यानी उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक ही मंच पर नजर आए. इस मुलाकात के बाद लगातार अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या शिवसेना (UBT) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के बीच गठबंधन होने जा रहा है.


मंगलवार (15 जुलाई) को MNS प्रमुख राज ठाकरे ने इगतपुरी में पार्टी कार्यकर्ताओं से साफ कहा कि वह इस पर "उचित समय" पर फैसला लेंगे. यह बयान ऐसे समय आया है, जब नासिक जिले के इगतपुरी में MNS का तीन दिवसीय सम्मेलन चल रहा है.


दोनों पार्टियों ने दिए ये संकेत


राज ठाकरे के इस बयान की पुष्टि करते हुए एक पार्टी पदाधिकारी ने कहा, “राज साहब ने कार्यकर्ताओं से कहा कि फिलहाल गठबंधन को लेकर कोई तत्काल फैसला नहीं लिया गया है, लेकिन उचित समय आने पर इस पर निर्णय लिया जाएगा.” पीटीआई के अनुसार, वहीं दूसरी ओर, शिवसेना (उबाठा) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने हाल ही में संकेत दिए थे कि वे मुंबई और अन्य नगर निकाय चुनावों से पहले MNS के साथ गठबंधन चाहते हैं, हालांकि अभी तक राज ठाकरे ने इस पर खुलकर कोई राय नहीं दी है.


5 जुलाई को मराठी अस्मिता के लिए आए थे साथ


गौरतलब है कि ठाकरे ब्रदर्स को 5 जुलाई को एक साथ उस वक्त देखा गया जब वे बीजेपी-नीत राज्य सरकार द्वारा स्कूलों में हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में लागू करने वाले दो आदेशों को रद्द करने की घोषणा का स्वागत करने पहुंचे थे. इस मौके पर जश्न इस तरह का था कि मानों दोनों पार्टियों ने राजनीतिक गंठबंधन की घोषणा कर दी हो, हालांकि इस खबर पर मुहर लगाने के लिए अभी तक आधिकारिक ऐलान का इंतजार है.


संजय राउत दे चुके हैं गठबंधन के संकेत


शिवसेना (UBT) के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने भी गठबंधन को लेकर उम्मीद जताई है. उन्होंने कहा, “राज और उद्धव ठाकरे दोनों की टिप्पणियां सकारात्मक रही हैं. दोनों दलों के कार्यकर्ता भी इस संभावित गठबंधन को लेकर उत्साहित हैं.” फिलहाल सभी की नजर इस पर टिकी है कि आगामी निकाय चुनावों से पहले क्या ठाकरे ब्रदर्स एक निर्णायक मोड़ पर पहुंचेंगे या राजनीतिक समीकरण अभी और वक्त लेगा.