'करण पवार के खिलाफ जीत सुनिश्चित, केवल मार्जिन कम', जलगांव सीट को लेकर मंत्री गुलाबराव का दावा
Maharashtra Lok Sabha Elections 2024: महाराष्ट्र के मंत्री गुलाबराव रघुनाथ पाटिल का कहना है कि गर्मी के कारण मतदान में कमी आई है. उन्होंने लोगों में उत्साह की कमी को भी इसकी वजह बताया है.
Maharashtra News: महाराष्ट्र के मंत्री गुलाबराव रघुनाथ पाटिल (Gulabhrao Raghunath Patil) ने शिवसेना-यूबीटी के नेता करण पवार (Karan Pawar) की उम्मीदवारी को लेकर कहा कि उनसे महायुति के प्रत्याशी को कोई चुनौती नहीं मिलेगी. सीट पर लीड कम हो सकती है लेकिन जीत महायुति के प्रत्याशी की ही होगी. बता दें कि इस सीट से महायुति की तरफ से बीजेपी ने स्मिता वाघ (Smita Wagh) को टिकट दिया है. करण पवार ने कुछ दिन पहले ही बीजेपी छोड़ शिवसेना-यूबीटी ज्वाइन कर ली.
गुलाबराव पाटिल ने कहा, ''करण पवार की बात की जाए तो वह कोई बहुत निष्ठावान शिवसैनिक हैं और जो 25 साल से सेना का काम कर रहे हैं और आकर खड़े हो गए तो उन्होंने बहुत बड़ी सहानुभूति मिल गई, ऐसी बात नहीं है. उनके दोस्त को टिकट दिया गया, उन्हें नहीं दिया गया था. इसलिए शिवसेना-यूबीटी ने उनको टिकट दिया. उनपर विचार किया गया तो 20-25 दिन पहले वह बीजेपी में थे. मुझे नहीं लगता है कि उनसे हमें कोई चैलेंज है. हमारा जो पांच लाख का लीड था, वह थोड़ा कम हो सकता है. हारने का तो सवाल ही नहीं आता है. लीड थोड़ा कम और ज्यादा हो सकता है.
#WATCH | Jalgaon: Maharashtra Minister Gulabrao Raghunath Patil says, "Due to the heat, people are not looking enthusiastic for the elections. That's why the voter turnout is not crossing the 50% mark. All the parties are working to increase the voter turnout... We will… pic.twitter.com/18w9YyLvRt
— ANI (@ANI) May 12, 2024
स्मिता वाघ को टिकट देने से नाराज नेताओं ने छोड़ी BJP
बीजेपी ने निवर्तमान सांसद उन्मेष पाटिल की जगह स्मिता वाघ को मौका दिया तो नाराज होकर उन्होंने शिवसेना-यूबीटी ज्वाइन कर ली. वहीं, दूसरी तरफ करण पवार की बात की जाए तो वह परोला म्यूनिसिपल काउंसिल के दो बार अध्यक्ष रहे हैं. उधर, मंत्री गुलाबराव पाटिल ने यह माना कि चुनाव में कम वोट पड़ रहे हैं और उन्होंने गर्मी को इसकी वजह बताई.
मंत्री गुलाबराव ने कहा, ''महाराष्ट्र में गर्मी के कारण और लोगों में चुनाव को लेकर उत्साह न होने के कारण मतदान 50 प्रतिशत से ऊपर नहीं हो रहा है. सभी पार्टियां जुटी हुई है कि किस तरह से वोटिंग पर्सेंटेज को बढ़ाया जाए.
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