Maharashtra News: शिवसेना-यूबीटी के राज्ससभा सांसद संजय राउत ने गुरुवार (20 फरवरी) को एनसीपी-एसपी के प्रमुख शरद पवार की तुलना मराठा साम्राज्य के सेनापति महादजी शिंदे से की है. यह टिप्पणी उन्होंने एक पुस्तक विमोचन कार्यक्रम के दौरान की, जहां वे शरद पवार के साथ मंच शेयर कर रहे थे.
हाल ही में संजय राउत ने पवार की आलोचना की थी, जब उन्होंने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को सम्मानित किया था. लेकिन, अब राउत ने शरद पवार की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे महाराष्ट्र के लिए राष्ट्रीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण नेता हैं.
क्यों था शिवसेना (UBT) को शरद पवार से आपत्ति? दरअसल पिछले महीने पुणे की एक संस्था द्वारा महादजी शिंदे पुरस्कार समारोह में एकनाथ शिंदे को सम्मानित किया गया था. वही एकनाथ शिंदे, जिन्होंने 2022 में BJP के समर्थन से उद्धव ठाकरे सरकार को गिराकर महाराष्ट्र सीएम पद संभाला था. इन सब के बाद शायद शरद पवार के हाथों एकनाथ शिंदे को सम्मान देना, शिवसेना UBT को रास नहीं आया, इसलिए उन्होंने इस पर नाराजगी जताई थी.
दिल्ली स्थायी सत्ता का केंद्र नहीं- संजय राउतसंजय राउत ने कहा कि मराठा साम्राज्य के सेनापति दिल्ली के किंगमेकर रहे हैं. उन्होंने दो बार दिल्ली पर जीत हासिल कर यहां अपने शासक नियुक्त किए थे. लेकिन, उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली स्थायी सत्ता का केंद्र नहीं है. उन्होंने कहा, "यह एक अस्थायी शहर है. बाहरी लोग यहां आते हैं, राज करते हैं और फिर लौट जाते हैं.
उन्होंने कहा कि जो आज दिल्ली में शासन कर रहे हैं, उन्हें भी एक दिन लौटना होगा. कुछ राजस्थान लौट गए, कुछ महाराष्ट्र और कुछ गुजरात लौट जाएंगे. राउत ने यह भी कहा कि दिल्ली में राजनीति में साजिश और विश्वासघात आम बात है.
शरद पवार ने सुनाया अपना अनुभव
इस मौके पर शरद पवार ने भी दिल्ली से जुड़ी अपनी यादें शेयर की. उन्होंने बताया कि 1962-63 में वे पहली बार दिल्ली कांग्रेस की एक बैठक में आए थे. तब उन्होंने और उनके साथियों ने पहली बार देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को देखा था, जिससे वे काफी प्रभावित हुए थे.
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