नागपुर और चंद्रपुर के बीच प्रस्तावित 204 किलोमीटर लंबे शीघ्रसंचार द्रुतगति महामार्ग को लेकर सोमवार को एक महत्वपूर्ण बैठक संपन्न हुई. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में आयोजित बुनियादी ढांचा मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में केंद्र सरकार के ‘गति शक्ति पोर्टल’ से प्राप्त सुझावों को ध्यान में रखते हुए संशोधित सड़क योजना को मंजूरी दे दी गई.

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बैठक में उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार, राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुळे, चिकित्सा शिक्षा मंत्री हसन मुश्रीफ, सार्वजनिक निर्माण मंत्री शिवेंद्र सिंह राजे भोसले और मुख्य सचिव राजेश अग्रवाल मौजूद रहे. बैठक में विभिन्न शहरी परियोजनाओं पर भी चर्चा हुई और मुंबई के घाटकोपर (पूर्व), चेंबूर, अंधेरी (प.), आंबिवली मुद्रण कामगार नगर और चुनाभट्टी स्थित भूखंडों के निजीकरण के माध्यम से विकास की समयसीमा बढ़ाने को भी मंजूरी दी गई.

जाम की समस्या का समाधान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता- मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री फडणवीस ने बैठक में कहा कि शहरीकरण की तेज गति के कारण शहरों में बढ़ती यातायात जाम की समस्या का समाधान सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. उन्होंने निर्देश दिया कि पुणे जिले के हडपसर-यवत मार्ग पर यातायात कोंडी दूर करने के लिए प्रभावी उपाय किए जाएं, लेकिन यह सुनिश्चित हो कि नागरिक किसी प्रकार की असुविधा न झेलें. उन्होंने भैरोबा नाले के पास होने वाली यातायात समस्या को दूर करने के लिए तात्कालिक कदम उठाने के निर्देश भी दिए.

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गति शक्ति पोर्टल से मंजूरी लेना अनिवार्य- मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य में चल रही और प्रस्तावित सभी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को गति शक्ति पोर्टल से अनिवार्य मंजूरी लेना होगी. पोर्टल से स्वीकृति मिलने के बाद ही परियोजनाओं को समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा. बैठक में सार्वजनिक निर्माण विभाग की अपर मुख्य सचिव मनीषा म्हैसकर ने विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया.

संशोधित महामार्ग योजना में किए गए बदलाव

नई मंजूर संशोधित योजना के अनुसार, हिंदूहृदयसम्राट बाळासाहेब ठाकरे महाराष्ट्र समृद्धि महामार्ग के सेलडोह इंटरचेंज से दुर्ग-हैदराबाद महामार्ग के नवेगांव (मोर) तक 192 किलोमीटर लंबा नया द्रुतगति मार्ग निर्मित किया जाएगा. इसके अलावा, 11 किलोमीटर लंबा चंद्रपुर संपर्क मार्ग पूर्ववत रखा गया है. इस प्रकार कुल 204 किलोमीटर की संशोधित परियोजना को अंतिम मंजूरी दे दी गई है.

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि नई मार्ग-योजना के कारण 27 हेक्टेयर वनभूमि अधिग्रहण की बचत होगी, जिससे परियोजना पर्यावरण के दृष्टिकोण से अधिक अनुकूल मानी जा रही है. बैठक में वित्त और नियोजन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे. नागपुर-चंद्रपुर द्रुतगति महामार्ग को लेकर हुई यह प्रगति क्षेत्र के लिए एक बड़े विकासात्मक कदम के रूप में देखी जा रही है.

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