Maharashtra Financial Stress: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के पहले महायुती सरकार ने कई लोकप्रिय घोषणाएं की. इसका फायदा उसे चुनावों में मिलता हुआ भी नजर आया, लेकिन इन योजनाओं के आर्थिक पहलुओं को संभालते हुए सरकार को तंगी से गुजरना पड़ रहा है और इसपर आलोचनाएं हो रही हैं.
एक तरफ महायुती सरकार की सबसे लोकप्रिय योजना ‘मुख्यमंत्री माझी लाडकी बहिन योजना’ के तहत करीब पांच लाख महिलाओं को अपात्र घोषित कर दिया गया. वहीं दूसरी ओर चर्चा है कि शिवभोजन थाली और आनंद शिधा योजना को लेकर सरकार पुनर्विचार कर रही है.
इसके अलावा ‘मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना’ के लिए विभाग को 25 करोड़ रुपये की जरूरत बताई जा रही है. साथ ही राज्य के ठेकेदारों के संगठनों ने सरकार से बकाया भुगतान की मांग करते हुए काम बंद आंदोलन शुरू किया था. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या राज्य सरकार पर बढ़ता आर्थिक बोझ अब असंतुलन की ओर बढ़ रहा है?
शिवभोजन थाली का क्या होगा?चर्चा है कि महाविकास अघाड़ी (MVA) सरकार के दौरान शुरू की गई ‘शिवभोजन थाली योजना’ को महायुती सरकार बंद करने पर विचार कर रही है. शिवभोजन थाली क्रियान्वयन समिति के अनुसार, केंद्र संचालकों का बड़ा बकाया पिछले तीन से छह महीनों से लंबित है. इस बीच पूर्व मंत्री छगन भुजबल ने भी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर इस योजना को बंद न करने का अनुरोध किया है.
26 जनवरी 2020 को शुरू हुई इस योजना के तहत 2 रोटी, 1 कटोरी पकी हुई सब्जी, 1 कटोरी दाल और 1 कटोरी चावल दिया जाता है. अन्न और नागरिक आपूर्ति विभाग की वेबसाइट के अनुसार, 27 मार्च 2024 तक 18.83 करोड़ से अधिक शिवभोजन थालियां वितरित की जा चुकी हैं. अब सरकर की तिजोरी पर इतना बोझ पड़ा है कि योजना बंद करने की नौबत आ गई है.
तीर्थ योजना बंद होगी?राज्य में सभी धर्मों के वरिष्ठ नागरिकों को देश के तीर्थ स्थलों की यात्रा कराने के लिए ‘मुख्यमंत्री तीर्थ क्षेत्र योजना’ महायुती सरकार ने शुरू की थी. इस योजना को लेकर 14 जुलाई 2024 को शासन निर्णय (GR) जारी किया गया था. यह योजना 60 साल या उससे अधिक उम्र के पात्र वरिष्ठ नागरिकों के लिए है.
इसके तहत कोई भी पात्र व्यक्ति अपने जीवन में एक बार किसी निर्धारित तीर्थ स्थल की यात्रा कर सकता है. सरकार द्वारा अधिकतम यात्रा व्यय प्रति व्यक्ति 30,000 रुपये तक निर्धारित किया गया है. पर अब यह योजना बंद होने की चर्चा है. हालांकि सरकार के मंत्री इसे अफवाह बता रहे हैं.
ठेकेदारों के पैसै कैसे मिलेंगे?महाराष्ट्र के ठेकेदार महासंघ, राज्य अभियंता संघ, बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया और हॉट मिक्स एसोसिएशन के संयुक्त नेतृत्व में 5 फरवरी को पूरे राज्य में काम बंद आंदोलन किया था. सरकार से 86,000 करोड़ रुपये के बकाया भुगतान की मांग को लेकर यह आंदोलन किया गया पर अब इनका बिल कैसे चुकाएंगे, इसकी चिंता सभी को है.
महायुती सरकार की सबसे लोकप्रिय योजना ‘लाडकी बहन योजना’ पूरे राज्य में लागू की गई, लेकिन अब इसके तहत 5 लाख महिलाओं को अपात्र कर दिया गया है. अब तक इस योजना के तहत पात्र महिलाओं को हर महीने 1,500 रुपये मिल रहे थे, जिसे सरकार ने आगामी समय में 2,100 रुपये करने का वादा किया था, लेकिन इस योजना और अन्य योजनाओं से राज्य का आर्थिक गणित बिगड़ गया है.