MP Latest News: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने कांग्रेस नेता और राज्यसभा सदस्य विवेक तंखा की मानहानि के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा को बड़ी राहत दी है.


हाई कोर्ट ने तीनों नेताओं के खिलाफ जबलपुर की स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट द्वारा जारी जमानती वारंट पर रोक लगा दी है. यह मामला ओबीसी आरक्षण को लेकर तंखा के खिलाफ तीनों बीजेपी नेताओं की गलतबयानी से जुड़ा है.


मध्यप्रदेश हाई कोर्ट के जस्टिस संजय द्विवेदी की एकलपीठ ने पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी  प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा व पूर्व मंत्री भूपेन्द्र सिंह की अपील पर सुनवाई के दौरान कहा कि अधीनस्थ अदालत को वारंट जारी नहीं करना था.


जस्टिस द्विवेदी की एकलपीठ में शिवराज सिंह चौहान और विष्णुदत्त शर्मा के अधिवक्ता ने आवेदन पेश कर कहा कि याचिकाकर्ताओं के लिए व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर अंडरटेकिंग देना मुश्किल है, तो उन्हें छूट दी जानी चाहिए. शिवराज सिंह चौहान और विष्णुदत्त शर्मा लोकसभा चुनाव के प्रत्याशी हैं और उनका लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र जबलपुर से दूर है.


तीनों नेताओं को 7 मई को हाजिर होने के निर्देश दिए थे


यहां बता दें कि एमपी-एमएलए कोर्ट ने तीनों नेताओं को 7 मई को हाजिर होने के निर्देश दिए थे. इस आदेश के खिलाफ तीनों की ओर से हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. कोर्ट ने कहा कि निचली अदालत से होता हुआ हाई कोर्ट तक आया और अभी यहां लंबित है. इसलिए अधीनस्थ अदालत को वारंट जारी नहीं करना था.


गौरतलब है कि जबलपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट में विवेक तन्खा ने 10 करोड़ रुपए का मानहानि दावा किया है.मानहानि के परिवाद में तंखा ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी आरक्षण से संबंधित उन्होंने कोई बात नहीं कही थी.


उन्होंने पंचायत और निकाय चुनाव में रोटेशन की मांग करते हुए पैरवी की थी.सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव में ओबीसी आरक्षण पर रोक लगा दी तो शिवराज सिंह चौहान, वीडी शर्मा और भूपेंद्र सिंह ने इसे गलत ढंग से पेश किया.


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