MP Assembly Speaker: सात दिनों के इंतजार के बाद सोमवार को बीजेपी (BJP) के विधायक दल की बैठक आयोजित की गई जिसमें नए सीएम, विधानसभा अध्यक्ष और डिप्टी सीएम के नाम का एलान किया गया. पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के सीनियर नेता नरेंद्र सिंह तोमर (Narenra Singh Tomar) मध्य प्रदेश के नए विधानसभा अध्यक्ष होंगे. बीजेपी विधायक दल की बैठक में उनके नाम पर मुहर लगी. इस तरह से मध्य प्रदेश की सियासी तस्वीर लगभव साफ हो गई है. वहीं, उज्जैन दक्षिण से विधायक डॉ. मोहन यादव (Mohan Yadav) को नया सीएम घोषित किया गया है जबकि राजेंद्र शुक्ल (Rajendra Shukla) और जगदीश देवड़ा (Jagdish Deora) डिप्टी सीएम होंगे.


नरेंद्र सिंह तोमर की बात करें तो उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार में कृषि मंत्रालय समेत अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली है. वह साफ-सुथरी छवि वाले नेता माने जाते हैं. उनकी छवि और प्रभाव को देखते हुए ही उन्हें विधानसभा का नया स्पीकर चुना गया है. इसके पहले मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव प्रबंधन समिति का संयोजक भी उन्हें नियुक्त किया गया था. 


बसपा नेता को 24 हजार वोटों के अंतर से हराया
66 वर्षीय नरेंद्र तोमर को बीजेपी ने विधानसभा के चुनाव में उतारा और उन्होंने पार्टी की उम्मीद पर खरा उतरते हुए दिमनी सीट से बसपा नेता बलवीर सिंह दंदोतिया को 24 हजार वोटों के अंतर से हारया है.विधायक निर्वाचित होने के बाद बीजेपी ने उनसे जब सांसद के पद से इस्तीफा देने को कहा था उसी से यह साफ हो गया था कि राज्य में उन्हें कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी. नरेंद्र तोमर के इस्तीफा देने के बाद अर्जुन मुंडा कृषि मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं. 


1998 से 2008 तक रहे हैं विधायक
नरेंद्र सिंह तोमर 1998 से 2008 के बीच ग्वालियर से मध्य प्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे हैं. इसके बाद उन्होंने केंद्र की राजनीति का रुख किया और 2009 में उन्हें बीजेपी ने मध्य प्रदेश से राज्यसभा भेजा. इसके बाद 2009 में ही उन्होंने मुरैना से लोकसभा का चुनाव लड़ा. पांच साल बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें ग्वालियर का टिकट दिया गया. पीएम मोदी के पहले कार्यकाल में उन्हें स्टील, माइन्स, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई थी. 2014 से 2019 के बीच उन्होंने पंचायती राज और ग्रामीण विकास, पेय जल एवं स्वच्छता मंत्रालय की भी जिम्मेदारी संभाली. 2019 का लोकसभा चुनाव नरेंद्र सिंह तोमर ने एकबार फिर मुरैना से लड़ा और फिर जीतकर संसद के निचले सदन पहुंचे. पीएम मोदी के दूसरे कार्यकाल में उन्हें फिर से केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया. 


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