Mumbai Child Smuggling Gang Busted: मुंबई क्राइम ब्रांच को खबर मिली थी की मुंबई के विक्रोली इलाके में कांता पेडणेकर नामक एक महिला को 5 महीने का एक बच्चा शीतल वारे नामक महिला ने बेचा है . मुंबई क्राइम ब्रांच ने इसकी जांच शुरू की और जब इन महिलाओं से पूछताछ की गई तो नवजात बच्चों को बेचने वाले इस गैंग की कड़ी जुड़ती गई और फिर इस मामले में हुआ यह बड़ा खुलासा.


पुलिस की पूछताछ में आरोपी शीतल वारे ने बताया कि डॉक्टर संजय खंडारे जो की एक बीएचएमएस डॉक्टर है उनकी मदद से 2 लाख रुपये में इस बच्चे को खरीदा गया था. मुंबई क्राइम ब्रांच की जांच में पता चला है कि अब तक मुंबई से करीब 14 बच्चों की खरीद फरोख्त हुई है जिसकी उम्र 5 से 8 महीने की थी, जिसमें कई एजेंट भी काम करते थे और यह एजेंट विभिन्न फर्टिलिटी सेंटर में काम करते थे, जहां से इन्हें पता चलता था कि किन परिवार के लोगों को बच्चों की जरूरत है, उनसे यह संपर्क करते थे और बच्चों की बिक्री करते थे.


इन बच्चों बेचा गया है विभिन्न राज्यों में
पुलिस ने इस मामले में दो नवजात बच्चों को रिकवर भी किया है और उन बच्चों को आशा केंद्र में परवरिश के लिए भेज दिया गया है.  मुंबई क्राइम ब्रांच के मुताबिक जिन 14 बच्चों की खरीद फरोख्त की बात अभी तक सामने आई है वह सब मुंबई से हैं, जिसमें ठाणे जिले के कुछ अस्पताल शामिल हैं, जिसमें कम करने वाले कुछ कर्मचारी इस गैंग के सदस्य हैं. जिनकी मदद से इन बच्चों को देश के विभिन्न राज्यों में बेचा गया है.


पुलिस ने इस मामले में सात आरोपियों को गिरफ्तार किया है जिनके नाम है वंदना पवार उम्र 28 वर्ष, शीतल  वारे उम्र 41 वर्ष, स्नेहा सूर्यवंशी उम्र 24 वर्ष, नसीम हनीफ खान उम्र 28 वर्ष, लता सुरवाड़े उम्र 36 वर्ष, शरद देवर उम्र 45 वर्ष और डॉक्टर संजय खंडारे.


कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी में है क्राइम ब्रांच
मुंबई क्राइम ब्रांच के मुताबिक जिन 14 बच्चों की खरीद फरोख्त हुई है उसमें ज्यादातर नवजात लड़के हैं. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है कि किन महिलाओं ने बच्चों को जन्म दिया और  इन बच्चों को दूसरे परिवार को बेचा और किसने खरीदा इन सब की तहकीकात पुलिस कर रही है और उन पर कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी में है क्योंकि इसमें ह्यूमन ट्रैफिकिंग का मामला बनता है.


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