MP Urban Body Elections 2022: मध्यप्रदेश में नगरीय निकाय चुनावों को लेकर बीजेपी के मेयर पद की घोषणा अभी तक नहीं हो सकी है. वहीं दूसरी तरफ अब पार्टी में बगावती सुर भी उठने लगे हैं. नगर निगम सागर में मेयर पद पर ब्राह्मण समुदाय से टिकिट की मांग को लेकर बीजेपी के जिला उपाध्यक्ष नवीन भट्ट ने पद से इस्तीफा देकर निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात कही है. इसको लेकर उन्होंने सोशल मीडिया पर खुद यह बयान जारी किया है. यह कदम नवीन भट्ट ने उस समय उठाया जब बीजेपी की कोर कमेटी की बैठक सागर में पार्टी कार्यालय में चल रही थी. इस मीटिंग में शिवराज सरकार के चार केबिनेट मंत्री, सांसद ,विधायक और बीजेपी के प्रदेश पदाधिकारी टिकिट को लेकर मंथन कर रहे थे.


'नहीं तो निर्दलीय लड़ूंगा चुनाव'
बीजेपी जिला उपाध्यक्ष नवीन भट्ट ने चेतावनी देते हुए कहा, "मैं जिले का पार्टी उपाध्यक्ष और पार्टी का सच्चा सिपाही हूं. पूरी निष्ठा ईमानदारी से तन मन धन से मैंने काम किया है. मैं बीजेपी के कई पदों पर रहा हूं. मेरा पूरा परिवार स्वयंसेवक है. जनसंघ से लेकर बीजेपी से जुड़ा रहा है. वर्तमान में नगर निगम चुनाव में ब्राह्मण समुदाय की अहम भूमिका है. मेरी भावनाएं हैं कि महापौर के लिए बीजेपी से ब्राह्मण समाज के व्यक्ति को टिकट मिले. अगर पार्टी ब्राह्मण समाज के व्यक्ति को टिकट नहीं देती है तो मैं बीजेपी के सभी पदों से त्यागपत्र देकर महापौर का निर्दलीय चुनाव लड़ूंगा. नगर निगम के 48 वार्डों में मेरा संपर्क है और मैं यह सुनहरा अवसर खोना नही चाहता हूं."


'लिस्ट आने पर चलेगा पता'
कोर कमेटी की बैठक के बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया. बैठक मे आए शिवराज सरकार के कैबिनट के चारों मंत्री गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह, अरविंद सिंह, भदौरिया और गोविंद राजपूत ने इसे खारिज कर दिया. प्रदेश कोर कमेटी और चुनाव समिती के सदसय और नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह का कहना है कि लोग अपनी अपनी बात रखते हैं. जब पार्टी की प्रत्याशियों की लिस्ट सामने आएगी तो सब पता चल जाएगा. 


'किसी के दबाव में काम नहीं करती पार्टी'
वहीं सागर जिले के प्रभारी मंत्री अरविंद सिंह भदौरिया ने इस मामले पर कहा कि मेयर का टिकिट प्रदेश कोर कमेटी तय करती है. बीजेपी में इस तरह के विचार नहीं चलते हैं. यह गलत है. पार्टी जल्दी ही जिताऊ उम्मीदवारों की घोषणा करेगी है. बीजेपी में किसी के आने-जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता है. इनके अलावा कद्दावर नेता और मंत्री गोपाल भार्गव का कहना है, "बीजेपी का शीर्ष से लेकर राज्य स्तर तक का नेतृत्व किसी तरह के दवाब में काम नहीं करता है. लोग ऐसी गलतफहमी नहीं पालें."


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