MP News: राज्य मानवाधिकार आयोग (Human Rights Commission) के अध्यक्ष (Chairman) की नियुक्ति 31 अगस्त 2024 तक हो जाएगी. सरकार ने हलफनामा पेश कर हाईकोर्ट को जानकारी दी. चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ ने सरकार के हलफनामे को रिकॉर्ड पर लेकर सुनवाई आगे बढ़ा दी है. बता दें कि ग्वालियर के बिरला नगर में सीवर चैम्बर की सफाई के दौरान जहरीली गैस के रिसाव होने से दो श्रमिकों की मौत मामले को संज्ञान में लेते हुए हाईकोर्ट ने सुनवाई जनहित याचिका के रूप में करने के निर्देश दिए थे.


सोमवार (6 मई) को जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान न्याय मित्र अधिवक्ता आकाश चौधरी की तरफ से युगलपीठ को बताया गया था कि मैनुअल स्कैवेंजर्स के रूप में रोजगार का निषेध और उनके पुनर्वास अधिनियम 2013 के तहत सरकार को विभिन्न कमेटी का गठन करना था. एक्ट के परिपालन के लिए कमेटी की समय-समय पर बैठक आयोजित होनी थी. लेकिन हाईकोर्ट ने पाया कि कुछ ही कमेटी का गठन किया गया है.


31 अगस्त तक राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष की नियुक्ति


हाईकोर्ट की युगलपीठ ने पूर्व में सुनवाई के दौरान याचिका में राज्य मानव अधिकार आयोग को अनावेदक बनाते हुए ऐसे कितने मामलों में उनकी ओर से संज्ञान लिया गया है, इस संबंध में शपथ पत्र प्रस्तुत करने निर्देश जारी किए थे. कोर्ट को बताया गया कि विगत छह माह से मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष पद रिक्त है. हाईकोर्ट ने मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष पद रिक्त होने के संबंध में सरकार से हलफनामा मांगा था. सरकार की तरफ से हलफनामे में बताया गया है कि आगामी 31 अगस्त तक राज्य मानवाधिकार आयोग के चेयरमैन की नियुक्ति कर दी जाएगी. फिलहाल कार्यवाहक अध्यक्ष का कार्यभार मनोहर ममतानी के पास है जबकि राजीव कुमार टंडन सदस्य के रूप में काम कर रहे है.


मध्य प्रदेश में वोटिंग से पहले दिग्विजय-शिवराज ने मां नर्मदा में किया स्नान, की पूजा अर्चना