MP Assembly Election 2023: पूर्व लोकसभा अध्यक्ष और सात बार की सांसद सुमित्रा महाजन का एक सवाल पर दर्द उभर कर सामने आ गया, जहां उन्होंने कहा कि जो लोग बीजेपी छोड़कर जा रहे हैं उनके लिए वह कुछ नहीं कह सकती हैं, लेकिन जो लोग सालों से बीजेपी में हैं और पार्टी के लिए काम करते आए हैं उन्हें पार्टी को तवज्जो देना चाहिए. महाजन यहीं नहीं रुकीं उन्होंने कहा कि उन लोगों में मैं भी शामिल हूं.


दरअसल, मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों को लेकर भारतीय जनता पार्टी द्वारा घोषणा पत्र बनाया जा रहा है. यह घोषणा पत्र बीजेपी इंदौर के द्वारा आम जनों से उनकी सहमति और सुझावों के आधार पर बनाया जाएगा. इस कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचीं पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से कार्यक्रम समाप्ति के बाद पत्रकारों ने पूछा कि कई कार्यकर्ता और पुराने बीजेपी के नेता बीजेपी छोड़कर जा रहे हैं, जिनमें हाल ही में भंवर सिंह शेखावत का भी नाम शामिल है. इस पर सुमित्रा महाजन का क्या सोचना है. 


'पुराने नेताओं के बारे में विचार करे पार्टी'
इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जो पार्टी छोड़कर जा रहा हैं वह चले जाएं उसमें सुमित्रा महाजन कुछ नहीं कर सकती. उन्होंने कहा कि इतना जरूर है कि जो बीजेपी में लंबे समय से काम करते आ रहे हैं पार्टी को उनके बारे में विचार करना चाहिए और उन लोगों में मेरा नाम भी शामिल है.


बता दें कि इंदौर में फिलहाल कैलाश विजयवर्गी के बेटे आकाश विजयवर्गीय इंदौर में बीजेपी के विधायक हैं. वहीं विधानसभा क्रमांक चार में मौजूदा विधायक और पूर्व महापौर मालिनी गौड़ अपने बेटे एकलव्य गौड़ के लिए टिकट की दौड़ में शामिल हैं. इस तरह की बातें इंदौर में हो रही हैं. हालांकि मालिनी गौड़ ने इस बात का खंडन किया है.


अपने बेटे को राजनीति में देखना चाहती हैं ताई?
वहीं सवाल ये उठता है कि जब कैलाश विजयवर्गीय अपने बेटे को विधायक बना सकते हैं और सूत्रों के मुताबिक मालिनी गौड़ अपने बेटे के लिए भी टिकट की दावेदारी कर सकती हैं तो ऐसे में आखिर सुमित्रा महाजन पीछे क्यों रहें. क्योंकि सुमित्रा महाजन के पुत्र मंदार महाजन को अब कहीं ना कहीं ताई राजनीति में देखना चाहती हैं ऐसा राजनीति के जानकार मानते हैं.


वन नेशन वन इलेक्शन पर बोलीं सभी की सहमति जरूरी
इधर जब पत्रकारों ने पूर्व लोकसभा स्पीकर से इस बारे में सवाल किया कि वन नेशन वन इलेक्शन पर उनकी क्या राय है तो सुमित्रा महाजन ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बारे में विचार किया है तो कहीं ना कहीं उसे बात का महत्व समझना चाहिए, हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि इसमें सभी की सहमति जरूरी है.


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