MP Congress Candidate List 2024: लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी है. पार्टी ने मध्य प्रदेश से 10 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है. इसमें लंबे समय से राजनीतिक पृष्ठभूमि से जुड़े राजेंद्र मालवीय (Rajendra Mmalviya) को देवास-शाजापुर लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा गया है. वहीं विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा (Siddharth Kushwaha) को सतना से चुनाव लड़ने का मौका मिला है. टिकट मिलने के बाद राजेंद्र मालवीय और सिद्धार्थ कुशवाहा की पहली प्रतिक्रिया सामने आई है.


समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए कांग्रेस नेता सिद्धार्थ कुशवाहा ने कि सतना से मुझे कांग्रेस का उम्मीदवार बनयाा गया है. इसके लिए मैं अपने शीर्ष नेतृत्व का धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने मुझे इस योग्य समझा और यह जिम्मेदारी दी. वहीं बीजेपी प्रत्याशी को लेकर सिद्धार्थ कुशवाहा ने कहा कि बीजेपी के प्रत्याशी को सतना की जनता बीते कई सालों से दिख रही है. इस बार जनता बीजेपी को पिछले चुनाव की तरह ही जवाब देगी.






राजेंद्र मालवीय की पहली प्रतिक्रिया
वहीं देवास-शाजापुर से अपनी उम्मीदवारी पर कांग्रेस नेता राजेंद्र मालवीय ने कहा, "मैं पार्टी हाईकमान का धन्यवाद करता हूं. पार्टी ने मुझपर जो विश्वास जताया है उसके लिए मैं पार्टी का आभारी हूं, हम पूरी ताकत से चुनाव लड़ेंगे. वहीं चुनाव में लंबे गैप को लेकर सवाल पूछे जाने पर मालवीय ने कहा कि मैं 1989 से राजनीति में हूं. सरपंच, जिला पंचायत हर चुनाव लड़ा हूं. जिस भी उम्मीदवार को पार्टी ने टिकट दिया उसका पूरे मन से समर्थन किया है और कांग्रेस को जीत दिलाने की पूरी कोशिश की है."






क्या कहते हैं जातिगत समीकरण?
इंदौर के रहने वाले राजेंद्र मालवीय प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष रह चुके दिवंगत राधाकिशन मालवीय के बेटे हैं. जातिगत समीकरण को साधने के लिए कांग्रेस ने भी बलाई समाज के नेता को मैदान में उतारा है. बीजेपी ने भी महेंद्र सिंह सोलंकी को दूसरी बार मौका देते हुए बलाई समाज को प्रतिनिधित्व दिया है. कांग्रेस नेताओं के मुताबिक दो बार राजेंद्र मालवीय विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं. 


राजेंद्र मालवीय को सबसे पहले टिकट इंदौर जिले के सांवेर से विधानसभा का मिला था. इसके बाद दूसरी बार उज्जैन जिले की तराना सीट से राजेंद्र मालवीय ने विधानसभा का चुनाव लड़ा. दोनों ही चुनाव में राजेंद्र मालवीय को पराजय का सामना करना पड़ा. इस बार पार्टी ने उन पर बड़ा दांव खेला है. 


सांसद वर्सेज विधायक
सिद्धार्थ कुशवाहा ने 2018 में विधानसभा चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने थे. इसके बाद 2022 में कांग्रेस ने महापौर का चुनाव लड़ने के लिए उतारा, जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा. 2023 में कांग्रेस ने सतना विधानसभा चुनाव के लिए सिद्धार्थ को मैदान में उतारा, जिसके बीजेपी ने भी वर्तमान सांसद गणेश सिंह को विधानसभा में उतारा था, लेकिन वह हार गए. अब दोनों के बीच मुकाबला दिलचस्प होने वाला है, क्योंकि मुकाबला विधायक और सांसद के बीच है.



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