Gwalior News Today: मध्य प्रदेश के ग्वालियर की एक विशेष अदालत ने कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह को उनकी कथित टिप्पणी के लिए 2019 में दायर मानहानि मामले में मंगलवार (12 मार्च) को बरी कर दिया. दरअसल, दिग्विजय सिंह ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) कार्यकर्ता पाकिस्तान के लिए जासूसी कर रहे थे.


सांसद-विधायक अदालत के विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट महेंद्र सैनी ने पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सिंह को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 500 (मानहानि) के तहत उनके खिलाफ लगाए गए आरोप से बरी कर दिया. इस मामले में फैसला सुनाते हुए न्यायधीश ने कहा, "शिकायतकर्ता यह साबित करने में विफल रहा कि आरोपी (दिग्विजय सिंह) ने बीजेपी या आरएसएस कार्यकर्ताओं पर अपने बयानों के माध्यम से उन्हें बदनाम किया है. इसलिए, दिग्विजय सिंह को आरोप से बरी किया जाता है."


RSS-BJP पर दिग्विजय ने लगाए थे ये आरोप
दिग्विजय सिंह के खिलाफ यह मामला एक अधिवक्ता अवधेश भदोरिया ने दायर किया था. कांग्रेस नेता के अधिवक्ता संजय शुक्ला ने मीडिया से कहा, "अदालत ने पाया कि मामले में दिग्विजय सिंह के खिलाफ तथ्य झूठे थे और उन्हें बरी कर दिया गया." संजय शुक्ला ने कहा कि शिकायतकर्ता यह साबित करने में विफल रहा है कि वह (भदौरिया) आरएसएस या बीजेपी का सदस्य हैं. 


भिंड में 31 अगस्त 2019 में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया था कि बीजेपी या आरएसएस कार्यकर्ता पाकिस्तान के लिए जासूसी में शामिल हैं. 


'फैसले पर हाईकोर्ट में दायर करेंगे अपील'
शिकायत दायर करने वाले अधिवक्ता अवधेश भदौरिया ने बाद में मीडिया से कहा कि वह सांसद-विधायक अदालत के फैसले का अध्ययन करने के बाद मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय में इसके खिलाफ अपील दायर करेंगे. उन्होंने दावा किया कि अदालत ने माना कि दिग्विजय सिंह ने ऐसा बयान दिया था, हालांकि यह मानहानि का मामला नहीं है.


दिग्विजय सिंह पर मानहानि के पांच मामले लंबित
कांग्रेस के सीनियर नेता दिग्विजय सिंह ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा, "अदालत का फैसला मुझे स्वीकार्य है. अदालत ने मुझे बरी कर दिया है. मेरे खिलाफ कुल छह (मानहानि) मामले दायर किए गए थे. अब पांच लंबित हैं. दो आरएसएस, दो असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन और एक बाबा रामदेव (योग गुरु) द्वारा दर्ज कराए मामले हैं." 


दिग्विजय सिंह ने अपने खिलाफ मानहानि के मुकदमों का जिक्र करते हुए कहा, " अगर मैं सच कहता हूं तो दुख होता है, लेकिन आखिर सच की जीत होती है."


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