Life Expectancy Rate In MP: भारत में लोगों की औसत लाइफ एक्सपेक्टेंसी बढ़कर 69.7 साल हो गई है. यह बढोतरी 2015-19 के दौरान हुई है, हालांकि यह वैश्विक औसत लाइफ एक्सपेक्टेंसी (72.6 साल) से कम है. लेकिन अब भारत की लाइफ एक्सपेक्टेंसी रेट में दो साल का इजाफा हुआ है. इसके बावजूद अन्य राज्यों के मुकाबले मध्य प्रदेश में जीवन प्रत्याशा दर घटी है. इस मामले में  मध्य प्रदेश सबसे बुरे परफॉर्मेंस वाले राज्यों में शामिल है. 


एमपी में महिलाओं की प्रत्याशा दर पुरुषों से कम
मध्य प्रदेश में जहां पुरुषों की जीवन प्रत्याशा दर 67 साल है, वहीं महिलाओं में यह 65.2 साल है. लेकिन भारतीयों की औसत जीवन प्रत्याशा में इजाफा होना काफी सुखद है. यह आंकड़ा सैम्पल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (SRS) के 2015-2019 के डेटा में सामने आया है. 


Jabalpur News : नेताओं की खींचतान में उलझे बीजेपी के मेयर उम्मीदवार, अब दिल्ली दरबार में होगा फैसला


दो साल जोड़ने में करीब 10 साल लग गए
बता दें कि भारत में जन्म के समय लाइफ एक्सपेक्टेंसी में दो साल जोड़ने में करीब 10 साल लग गए. जबकि 1970-75 में भारत की जन्म के समय एक्सपेक्टेंसी दर 49.7 साल थी. लेकिन अगले 45 सालों के दौरान इसमें करीब 20 साल का इजाफा हुआ. 2015-19 के आंकड़ों में भारत की जीवन प्रत्याशा 69.7 वर्ष हो गई है. अगर हम राज्यों में जीवन प्रत्याशा की बात करें तो पंजाब पांचवें नंबर पर है. पंजाब में पुरुषों की औरत लाइफ एक्सपेक्टेंसी रेट 71.1 साल है, वहीं महिलाओं की 72.8 साल है. राजधानी दिल्ली ने इस लिस्ट में बाजी मारी है, वह सबसे ऊपर है. वहां पुरुष 74.3 साल और महिलाएं 77.5 साल जीती हैं.


छत्तीसगढ़ की जीवन प्रत्याशा में सबसे पीछे
अगर पूरे देश की बात करें तो महिलाओं और पुरुषों की जीवन प्रत्याशा में अंतर बढ़ा है. जहां महिलाओं की जीवन प्रत्याशा ज्यादा है तो पुरुषों की कम है. लाइफ एक्सपेक्टेंसी रेट के मामले में दिल्ली के बाद केरल, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश का नंबर आता है. छत्तीसगढ़ की जीवन प्रत्याशा दर देश में सबसे कम है. सबसे कम लाइफ एक्सपेक्टेंसी वाले राज्यों में उत्तर प्रदेश का नंबर दूसरा है. यूपी की जीवन प्रत्याशा 65.3 साल है. 


MP Panchayat Election : दो पंचायतों में दो दशक से चल रही है पति-पत्नी की 'सरकार', इस बार ये लोग दे रहे हैं टक्कर