Jabalpur News: मध्य प्रदेश के जबलपुर शहर में अपने नौ साल के भाई और पिता के डबल मर्डर की आरोपी नाबालिग बेटी और उसका ब्वॉयफ्रेंड अभी भी पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं. सिविल लाइन थाना क्षेत्र स्थित रेलवे की मिलेनियम कॉलोनी में रहने वाले अधिकारी राजकुमार विश्वकर्मा और उनके मासूम बेटे तनिष्क की हत्या के आरोपियों की लास्ट लोकेशन पुणे (महाराष्ट्र) में मिली है. यहां मुख्य आरोपी मुकुल ने सोमवार (18 मार्च) को एक होटल में अपने खाने का पेमेंट ऑनलाइन किया था.


जबलपुर एसपी आदित्य प्रताप सिंह के मुताबिक, दोहरे हत्याकांड के आरोपी कॉलोनी में ही रहने वाले मुकुल सिंह और मृतक की 16 साल की नाबालिग बेटी की तलाश में जुटी पुलिस को उनके लोकेशन के बारे में पुख्ता जानकारी लगी है. दोनों 16 मार्च को घटना को अंजाम देने के बाद कटनी से पटना- पुणे ट्रेन में सवार हुए थे. पुणे में सोमवार को मुकुल ने एक रेस्टॉरेंट में ऑनलाइन पेमेंट किया था. उसकी लोकेशन का पता लगाने के बाद पुलिस टीम को पुणे रवाना किया गया है.


फ्लैट से बरामद हुआ था शव
बता दें कि रेलवे की मिलेनियम कॉलोनी के ब्लॉक नंबर 363-3 में रहने वाले रेल मंडल के हेड क्लर्क राजकुमार विश्वकर्मा (उम्र 52 वर्ष) और उनके 9 वर्षीय बेटे तनिष्क की हत्या कर दी गई थी. दोनों का शव शुक्रवार (16 मार्च) को उनके फ्लैट से बरामद हुआ था. जांच के दौरान कॉलोनी में रहने वाले रेलवे में सेफ्टी ओएस राजपाल सिंह का बेटा मुकुल सिंह सीसीटीवी कैमरे में नजर आया था. वह मृतक के क्वार्टर में कई बार आ-जा रहा था.


शुक्रवार की दोपहर वह अपनी मोपेड लेकर निकला था और उसके पीछे मृतक की 16 वर्षीय बेटी भी कॉलोनी से निकलकर उसके साथ चली गई थी. इस दोहरे हत्याकांड में पुलिस की आधा दर्जन टीमें उनकी तलाश में जुटी हैं, लेकिन अभी तक वे पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं.


हत्याकांड की जांच में जुटी पुलिस को सोमवार को जानकारी मिली कि आरोपी मुकुल सिंह के खाते में छत्तीसगढ़ की एक कंपनी से 30 हजार रुपये ट्रांसफर किए गये हैं. मुकुल के खाते में इस कंपनी ने रकम क्यों भेजी है? इसकी जानकारी जुटाने के लिए एक टीम को छत्तीसगढ़ रवाना किया गया है. वहीं, पूर्व में महाराष्ट्र गई पुलिस टीम को पुणे भेजा गया है.


आरोपी के भाई ने किया ये खुलासा
वारदात के बाद पुलिस द्वारा आरोपी के भाई को अभिरक्षा में लिया गया था. उसने पूछताछ मे बताया कि आरोपी मुकुल को अच्छी शिक्षा दिलाने के लिए परिजनों द्वारा विशाखापट्टनम के बड़े स्कूल में दाखिला कराया गया था. वहां से स्कूल प्रबंधन व परिजनों को जानकारी दिए बिना ही वह पढ़ाई छोड़कर वापस जबलपुर लौट आया था. वहां उसकी गतिविधियां कैसी थीं और किस-किस से उसका परिचय था? इसकी जानकारी भी जुटाई जा रही है.


दूसरी तरफ इस घटना को लेकर कई तरह के सवाल भी खड़े हो रहे है?कहा जा रहा है कि जब राजकुमार विश्वकर्मा की नाबालिग बेटी आरोपी के साथ जाते हुए दिखाई दे रही है तो फिर उसके द्वारा वारदात का मेसेज परिजनों को क्यों दिया गया? इन सभी बिंदुओं को लेकर पुलिस जांच कर रही है.


नाबालिग ने क्यों दर्ज कराया था मामला?
पुलिस के मुताबिक, 52 वर्षीय मृतक राजकुमार विश्वकर्मा रेलवे विभाग में आफिस सुपरिंटेंडेंट के पद पर पदस्थ थे. एक साल पहले राजकुमार की पत्नी का माता वैष्णो देवी यात्रा के दौरान देहांत हो गया था. इसके बाद वह अपनी 16 वर्षीय बेटी और 8 वर्षीय बेटे तनिष्क के साथ रेलवे की मिलेनियम कॉलोनी में रहते थे. पुलिस के मुताबिक, सितंबर माह में बेटी के द्वारा आरोपी युवक के खिलाफ धारा 363 के तहत मामला दर्ज कराया गया था. इस मामले में मुकुल सिंह जेल में बंद था. 


अनुमान है कि नाबालिग व्यक्ति ने पिता के दबाव में पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. युवक और मृतक की नाबालिग बेटी ने पिता से बदला लेने के लिए इस पूरी घटना को अंजाम दिया है. वहीं, पड़ोसियों का कहना है कि सुबह के वक्त कमरे से आवाज आ रही थी लेकिन किसी ने उस ओर ध्यान नहीं दिया, क्योंकि आए दिन राजकुमार के घर वाद-विवाद चलता रहता था.


हत्या के बाद दरवाजे पर बनाया 'सी'
पुलिस की अभी तक की जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपी ने बड़ी चालाकी से पूरे घटनाक्रम को अंजाम दिया है. सीसीटीवी फुटेज में 16 मार्च को तड़के 3 बजे के आसपास आरोपी प्रेमिका के घर के आस-पास कंधे पर गैस कटर और पॉलीथिन लेकर घूमते हुए नजर आ रहा है. इसके बाद वह पीछे के दरवाजे के पास जाता है और उसे गैस कटर से काटता है. उसने दरवाजे पर 'सी' भी बनाया है. बताया जाता है कि आरोपी ने शातिराना अंदाज से पूरी वारदात को अंजाम दिया है. 


घटनास्थल पर फिंगरप्रिंट ना मिले, इसके लिए उसने ग्लब्ज का उपयोग करके वारदात को अंजाम दिया. आरोपी ने प्रेमिका के पिता और भाई दोनों के सिर को टारगेट बनाया. पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर हर्ष लोधी के मुताबिक, पिता के सिर पर बके से 10 बार हमला किया गया तो वहीं भाई के सिर पर चार बार हमला हुआ. 


दोनों को मौत के घाट उतारने के बाद आरोपी ने प्रेमिका की मदद से हर एक सबूत को मिटाया. इतना ही नहीं आरोपी मुकुल और उसकी प्रेमिका दोनों करीब 9 घंटे तक उसी कमरे में मौजूद रहे.


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