Madhya Pradesh: आपने पत्नी को भरण पोषण भत्ता दिए जाने के मामले तो कई सुने होंगे, लेकिन इंदौर की एक अदालत ने अनोखा फैसला सुनाया है. फैमिली कोर्ट ने एक महिला को आदेश दिया है कि अपने से अलग रह रहे पति को भरण-पोषण के लिए हर महीने 5,000 रुपये खर्च दे. महिला के पति अमन ने 3 महीने पहले दिसंबर 2023 में अपनी पत्नी के खिलाफ एक केस फैमिली कोर्ट में दायर किया था. कोर्ट ने फरवरी 2024 में उसके पक्ष में फैसला सुनाया.


वकील मनीष झरौला ने बताया कि पीड़ित अमन (23 वर्ष) उज्जैन का रहने वाला है. 2020 में एक कॉमन फ्रेंड के जरिए अमन की दोस्ती 22 साल की नंदिनी से हुई थी. बातचीत आगे बढ़ी तो नंदिनी ने अमन को प्रपोज कर दिया. अमन शादी नहीं करना चाहता था लेकिन नंदिनी ने उसे धमकी देते हुए कहा कि वह आत्महत्या कर लेगी. आख़िरकार जुलाई 2021 में दोनों ने आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली और इंदौर में किराये पर साथ रहने लगे.


नंदिनी पर उत्पीड़न का आरोप


कहा ये भी जा रहा है कि शादी के बाद नंदिनी ने अमन को परेशान करना शुरू कर दिया. काफी समझाने के बाद भी उसका व्यवहार नहीं बदला. निराश होकर वह शादी के दो महीने बाद ही सितंबर में नंदिनी को छोड़कर अपने माता-पिता के पास चला गया. अमन ने अपनी पीड़ा बताते हुए कहा, ''मैं सिर्फ 12वीं पास हूं. मैंने कॉलेज में एडमिशन तो ले लिया था, लेकिन नंदिनी की वजह से मुझे अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी. मैं बेरोजगार हूं, जबकि नंदिनी ब्यूटी पार्लर चलाती है. ऐसे में मुझे उससे भरण-पोषण भत्ता दिलवाया जाए."


पति को पत्नी देगी 5 हजार रुपये हर महीने


दूसरी ओर, नंदिनी ने भत्ता देने में असमर्थता जताई और दावा किया कि वह बेरोजगार है. नंदिनी का खंडन करते हुए अमन ने अदालत को बताया कि जब वह उसे छोड़कर अपने माता-पिता के पास गया, तो उसने मेरे लिए गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. उस समय उसने पुलिस को बताया था कि वह ब्यूटी पार्लर चलाती है.


नंदिनी ने अदालत में कहा कि वह जॉब नहीं कर रही है जबकि अमन नौकरी करता है. लेकिन वह इसका कोई सबूत पेश नहीं कर सकी. इसलिए, फैसला अमन के पक्ष में किया गया. कोर्ट के फैसले के मुताबिक उसे नंदिनी के साथ नहीं रहना होगा और उसकी पत्नी से उसे हर महीने 5 हजार रुपए भी मिलेंगे.


ये भी पढ़ें: Jabalpur News: एग्जाम के दौरान मोबाइल चलाने पर पिता ने लगाई डांट, बेटी ने जहर खाकर दे दी जान