25 साल पहले साल 1998 में मध्य प्रदेश हरदा की पहचान जिले के रूप में हुई थी. हरदा क्षेत्रफल के मामले में भले ही छोटा हो लेकिन कृषि के मामले में मध्यप्रदेश में पहले नंबर पर है. हरदा प्रदेश का एकमात्र ऐसा जिला है जहां पर शत-प्रतिशत भूमि सिंचित है. मध्य प्रदेश के छोटे क्षेत्रफल वाले जिलों में शामिल हरदा का 6 जुलाई को जन्मदिन है. हरदा को साल 1998 में जिला घोषित किया गया था.


हरदा में पिछले कुछ सालों में काफी तरक्की की यहां पर पूरी अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है. शिवराज सरकार के कृषि मंत्री कमल पटेल बताते हैं कि हरदा भले ही क्षेत्रफल के मामले में छोटा है लेकिन कृषि के मामले में प्रदेश में सबसे अव्वल है.


हरदा की पूरी भूमि सिंचित है. इस भूमि पर मूंग, चना, गेहूं विभिन्न प्रकार के फल और सब्जियों की खेती होती है. नर्मदा के नाभि केंद्र में स्थित हरदा के किसानों ने कई पुरस्कार भी हासिल किए हैं. हरदा जिला पिछले कई सालों से लगातार भारतीय जनता पार्टी के खाते में विधानसभा सीट देता आया है. यहां से शिवराज सरकार कृषि मंत्री कमल पटेल चुनाव जीते हैं. पूर्व में कमल पटेल राजस्व मंत्री भी रह चुके हैं. हालांकि बीच में उन्हें पराजय का सामना भी करना पड़ा था. 


ऐसी है हरदा की संरचना


हरदा जिले में कुल 6 तहसील आती है इन तहसीलों के अंतर्गत लगभग 571 गांव जुड़े हुए हैं. राजनीति के मान से यहां पर चार नगर पालिका/ नगर परिषद स्थित है. इस जिले में 3 जनपद लगती है जिसके अंतर्गत लगभग 220 गांव आते हैं. पूरे जिले में कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए 9 पुलिस थाने हैं. हरदा का पूरा जिला 3334 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है. यहां की जनसंख्या सात लाख के आसपास है. 


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