जबलपुर: अगर आप भी यह मानते हैं कि आपका मीटर रीडर सही रीडिंग करके बिजली का वाजिब बिल नहीं देता तो, यह खबर आपको राहत देगी. मध्य प्रदेश की तीनों सरकारी विद्युत वितरण कंपनियों ने बिजली उपभोक्ताओं को वास्तविक ख़पत का बिल देने के लिए मीटर पर क्यूआर कोड लगाने की तैयारी की है. इसका फायदा ये होगा कि मनमाने तरीके से बिल जारी करने की प्रवृत्ति घटेगी और उपभोक्ताओं को बेवजह परेशान नहीं होना होगा. अनुमान है कि एक क्यूआर कोड चस्पा करने पर बिजली कंपनियों को 47 पैसे खर्च आएगा. हालांकि 10 किलोवॉट भार वाले और एचटी उपभोक्ता को इससे बाहर रखा गया है.


इतनी आएगी क्यूआर कोड की लागत


जबलपुर में आयोजित मंथन-2022 में बिजली कंपनियों में राजस्व वसूली को बेहतर बनाने के लिए इस फैसले पर सहमति बनी है. तय किया गया कि तीन महीने के अंदर ही प्रदेश की तीनों कंपनियों के सभी घरेलू और गैर घरेलू उपभोक्ताओं के मीटर में क्यूआर कोड चस्पा कर दिया जाएगा. फिलहाल कई उपभोक्ताओं के मीटर पर क्यूआर कोड लगाकर ट्रायल किया जा रहा है.


पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के एमडी अमित तोमर ने बताया कि 47 पैसे क्यूआर कोड की लागत आएगी. इसे लगाने से मीटर रीडर को उपभोक्ता के परिसर में जाना अनिवार्य हो जाएगा, क्योंकि बिना क्यूआर कोड स्कैन किए उपभोक्ता की जानकारी मोबाइल एप्लिकेशन में नहीं खुलेगी. इस प्रक्रिया से उपभोक्ताओं की सटीक बिजली की रीडिंग होगी. कंपनी क्षेत्र में कुछ जगह यह प्रयोग किया जा रहा है.


वास्तविक खपत का मिलेगा बिल


मध्य क्षेत्र वितरण कंपनी के एमडी गणेश शंकर मिश्रा ने भी अपने प्रेजेंटेशन में क्यूआर कोड के जरिए रीडिंग की जानकारी दी.पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के प्रबंध संचालक अनय द्विवेदी ने बताया कि यह व्यवस्था वास्तवित खपत के आधार पर उपभोक्ता की बिजली बिल जारी करने में मददगार साबित होगी. कृषि और गैर कृषि उपभोक्ता पर यह प्रयोग किया गया है. बिजली कंपनियां हर उपभोक्ता के मीटर में क्यूआर कोड चस्पा करेंगी. जब मीटर रीडर जाएगा तो ऐप पर कोड स्कैन करना होगा. तभी उपभोक्ता की जानकारी ओपन होगी. यदि घर का लोड अधिक है तो उसे जरूरत के हिसाब से बढ़ाया जाएगा. बिना कोड स्कैन किए उपभोक्ता का ब्योरा ही नहीं खुलेगा. अभी उपभोक्ता के घर फोटो रीडिंग हो रही है.


उपभोक्ताओं को होगा ये फायदा


रीडर एक ही फोटो खींचकर कई उपभोक्ता के घर की मीटर रीडिंग नहीं दर्ज कर पाएंगे. उपभोक्ताओं का बिल गड़बड़ आने की समस्या दूर हो जाएगी. मीटर रीडर सब्सिडी के लिए 100 यूनिट के भीतर रीडिंग दर्ज कर देते हैं. क्यूआर कोड से सटीक मीटर रीडिंग होगी और 30 दिन का बिल आएगा.तीन महीने में प्रदेश के एक करोड़ से अधिक घरेलू और गैर घरेलू उपभोक्ताओं के मीटर में इसे लगा दिया जाएगा. मीटर वाचक को भी उपभोक्ता से बिल मांगने या उसके घर में मौजूद नहीं होने पर कि सी प्रकार की परेशानी नहीं होगी. वह सिर्फ क्यूआर कोड स्कैन करेगा और मौके पर ही बिल निकालकर उपभोक्ता को देगा.कंपनी के अफसर भी निरीक्षण के दाैरान उपभोक्ता से बिल नहीं मांगेंगे.क्यूआर कोड स्कैन करने पर उपभोक्ता की सारी जानकारी उनके सामने होगी.


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