Jharkhand News: झारखंड में टेंडर कमीशन घोटाले में ग्रामीण कार्य विभाग के निलंबित चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम के सीए मुकेश मित्तल के सहयोगी हरीश यादव को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है. उस पर मुकेश मित्तल के कहने पर एक खाते से दूसरे खाते में रुपये ट्रांसफर कर काले धन को सफेद करने का आरोप है. जांच एजेंसी ने उसे पूछताछ के लिए रांची बुलाया था और गिरफ्तार कर लिया. ईडी सूत्रों के मुताबिक हरीश ने करीब 121.83 करोड़ रुपये एक खाते से दूसरे खाते में ट्रांसफर किया. इसका ओटीपी उसी के मोबाइल पर आता था. अब उसे गुरुवार को ईडी की विशेष कोर्ट में पेश किया जाएगा और उसे रिमांड पर देने का आग्रह करेगा. 


टेंडर कमीशन घोटाले में यह छठी गिरफ्तारी है. इससे पहले वीरेंद्र राम उसके करीबी आलोक रंजन, सीए मुकेश मित्तल के सहयोगी नीरज मित्तल, हवाला कारोबारी राम प्रकाश भाटिया और ताराचंद को गिरफ्तार कर चुका है. ईडी की जांच में पता चला है कि वीरेंद्र राम ने 125 करोड़ से अधिक संपत्ति अर्जित की है. ईडी की जांच में पता चला है कि, वीरेंद्र राम से कमीशन लेकर उसके काला धन को सफेद करने में एक सिंडिकेट काम कर रहा था. हरीश भी इसी सिंडिकेट का हिस्सा है. पूर्व में गिरफ्तार तारा चंद की तीन फर्जी कंपनियों खाटू श्याम ट्रेडर्स, अनिल कुमार गोविंद राम ट्रेडर्स और ओम ट्रेडर्स के नाम पर खाते खोले गए थे. इसका संचालन नीरज मित्तल करता था. वह राम प्रकाश भाटिया की मदद से पैसे जमा कराता था और उन कंपनियों के खाते से वीरेंद्र राम के सीए मुकेश मित्तल के कर्मचारियों व रिश्तेदारों के खाते में रुपये ट्रांसफर होते थे.


अब तक 121.83 करोड़ रुपये ट्रांसफर हुआ
यह काम मुकेश का सहयोगी हरीश करता था, क्योंकि ट्रांजेक्शन का ओटीपी उसके ही मोबाइल पर आता था. मुकेश कमीशन लेकर वे रुपये वीरेंद्र राम के पिता गेंदा राम के खाते में ट्रांसफर करवाता था. इसी पैसे से दिल्ली के साकेत में वीरेंद्र ने अपने पिता के नाम पर करोड़ों की संपत्ति खरीदी थी. जांच में पता चला है कि इन कंपनियों के खातों से अब तक 121.83 करोड़ रुपये ट्रांसफर हो चुके हैं. खाते से रुपये ट्रांसफर करने और फर्जी बिल तैयार करने की एवज में नीरज का सहयोगी राम प्रकाश भाटिया भी कमीशन लेता था. रांची में हुए जमीन घोटाले में ईडी ने एक बार फिर विष्णु अग्रवाल को समन जारी किया है. उसे पूछताछ के लिए 17 जुलाई को ईडी ऑफिस बुलाया है. इससे पहले 21 जून को भी उससे नौ घंटे तक पूछताछ की गई थी. विष्णु अग्रवाल पर रांची के चेशायर होम रोड स्थित एक एकड़ जमीन की फर्जी तरीके से खरीद-बिक्री करने का आरोप है.


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