Jharkhand News: झारखंड की राजधानी रांची के राजभवन के नजदीक उस वक्त माहौल गमगीन हो गया जब एक मां की चीत्कार ने वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें नम कर दी. कोयंबटूर में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर काम कर रहे समीर कुमार की संदेहास्पद मौत के इंसाफ को लेकर परिजन राजभवन के निकट धरना दे रहे हैं. बता दें कि, समीर कुमार का शव आज यानी गुरुवार को रांची लाया गया, जिसके बाद परिजन शव के साथ राजभवन के निकट धरने पर बैठ गये और प्रदर्शन करने लगे. परिजन न्याय की बात करते हुए सीबीआई जांच की मांग की है.


दरअसल, तमिलनाडु के कोयंबटूर स्थित कारुण्या इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर काम कर रहे कसमार थाना क्षेत्र के दांतू निवासी समीर कुमार की मौत संदेहास्पद तरीके से हो गई. कॉलेज परिसर में ही उनके कमरे में उनकी डेड बॉडी मिली थी. परिवार वालों ने बताया कि, सोमवार को ही वो वार्डन के रूप में ज्वाइन किया था, लेकिन वह ये पद नहीं चाहता था उसने एचओडी से इस बारे में शिकायत भी की थी. तब उसे एक महीने में विभाग बदल देने का आश्वासन भी दिया गया था. वहीं जब वह सुबह की असेंबली में नहीं पहुंचा तो संस्थान के लोग उसके कमरे पर पहुंचे तो कमरा अंदर से बंद था.


सोमवार को हुई थी परिजनों से बात
काफी देर तक दरवाजा खटखटाया गया मगर किसी भी तरह की हलचल न पाकर दरवाजा तोड़ दिया गया तब देखा गया कि, समीर बेल्ट के सहारे कमरे में पर लटक रहा है. इसके बाद सूचना स्थानीय पुलिस को दी गई, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेते हुए संस्थान के ही एक अस्पताल के मोर्चरी में रखवा दिया. सूचना मिलने के बाद मृतक का बड़ा भाई कोयंबटूर के लिये रवाना हो गया. परिजनों के अनुसार पुलिस ने कहा था कि परिवार के किसी सदस्य के पहुंचने पर ही पोस्टमार्टम कराकर बॉडी परिजनों को सौंप दी जाएगी. परिजनों की मानें तो सोमवार को समीर ने वीडियो कॉल के जरिए उनसे बात की थी. साथ ही बताया था कि वह  वार्डन के रूप में काम नहीं करना चाहता है, जिसके लिये उसकी बातचीत एचओडी से हुई है. उसने परिवार वालों को बताया कि, अगले एक महीने में उसे दूसरा विभाग मिल जाएगा.


परिजनों ने लगाया ये आरोप
परिजनों ने एचओडी की भूमिका पर शक जताया है. उन्होंने कहा कि जब उसकी नियुक्ति असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में की गई थी तो उसे वार्डन के रूप में क्यों बहाल किया गया. समीर इससे पहले रांची स्थित झारखंड शिव शक्ति यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में काम कर रहा था. परिवार के लोगों ने बताया कि अगस्त में उसने नौकरी छोड़ दी थी और 13 अगस्त को कोयंबटूर के लिये निकल गया था. जहां उसने 14 अगस्त को ज्वाइन भी कर लिया था. घटना स्थल पर कई बड़े नेताओं का आना जाना लगा है. सभी मृतक के परिजनों को सांत्वना दे रहे हैं विधायकों ने कोयम्बटूर की पुलिस से बातचीत कर मामले की जांच कर खुलासा करने को कहा है.



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