Shimla News: शिमला (Shimla) में अपनी मांगों को लेकर बीते 97 दिनों से प्रदर्शन कर रहे राष्ट्रीय दृष्टिहीन बेरोजगार संघ (National Blind Association) का सब्र का बांध टूट गया. दृष्टिहीन संघ के लोग बैकलॉग भर्तियों को भरने के साथ अपनी पेंशन में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं. बीते लंबे वक्त से यह सभी लोग शिमला में दिन-रात प्रदर्शन कर रहे थे. कई बार पत्राचार करने के बावजूद सरकार का कोई नुमाइंदा जब इसे मुलाकात करने के लिए नहीं पहुंचा, तो संघ के सदस्यों ने मंगलवार को राज्य सचिवालय के नजदीक चक्का जाम ही कर दिया. 


इस दौरान स्थानीय पुलिस ने इन्हें सड़क से हटाने की कोशिश की. सड़क से हटाने की कोशिश के बीच दृष्टिहीन बेरोजगार संघ के सदस्यों और पुलिस के बीच हल्की धक्का-मुक्की भी हुई. राष्ट्रीय दृष्टिहीन बेरोजगार संघ के सदस्य राजेश, लक्की और सुरेखा ठाकुर ने कहा कि वे लंबे वक्त से अपनी मांग पूरी करने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं. 97 दिन बीत जाने के बावजूद कोई भी नुमाइंदा उनसे मुलाकात करने के लिए नहीं आया. सरकार की ओर से केवल झूठे आश्वासन दिए जा रहे हैं. 


जयराम ठाकुर ने भी की सरकार के व्यवहार की कड़ी निंदा
मूल रूप से रोहड़ू के रहने वाले लक्की ने कहा कि जब उन्होंने मुख्यमंत्री से मुलाकात की, तो मुख्यमंत्री ने उन्हें कहा कि आप दृष्टिबाधित हैं. आप काम कैसे कर सकेंगे? उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को यह जानकारी होनी चाहिए की दृष्टिबाधित लोग आईएएस की कुर्सी तक पहुंचे हैं. सरकार के सामने मजबूर होकर आज उन्हें चक्का जाम करना पड़ा है. पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी सरकार के इस व्यवहार की कड़ी निंदा की है.


हिमाचल प्रदेश में दृष्टिहीन बेरोजगार संघ के सदस्य बैकलॉग भर्तियों को जल्द से जल्द पूरा करने की मांग कर रहे हैं. अपनी मांगों को लेकर भी वो मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री धनीराम शांडिल से कई बार मुलाकात कर चुके हैं. इसके अलावा अधिकारियों के समक्ष भी अपना मामला उठा चुके हैं. सरकार की ओर से केवल उन्हें आश्वासन ही दिया जा रहा है. 97 दिनों से लगातार प्रदर्शन करने पर भी जब कोई हल नहीं निकला, तो दृष्टिहीन बेरोजगार संघ के सदस्यों ने सड़क जाम करने का मन बनाया.


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