Himachal Political Crisis: हिमाचल प्रदेश की एक राज्यसभा सीट पर कांग्रेस के बहुमत के बावजूद भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी हर्ष महाजन की जीत के बाद से सियासत में उतर-पुथल जारी है.


हिमाचल प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के छह विधायकों ने राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग की. इसके अलावा वे व्हिप होने के बावजूद हुए कटौती प्रस्ताव और बजट पारण के दौरान सदन में मौजूद नहीं रहे. 


इसी आधार पर संसदीय कार्य मंत्री और कांग्रेस विधायक दल के चीफ व्हिप हर्षवर्धन चौहान ने स्पीकर के पास याचिका दायर की. स्पीकर कुलदीप सिंह पठानिया ने बतौर ट्रिब्यूनल चेयरमैन याचिका पर सुनवाई करते हुए सभी छह विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी.


छह अयोग्य घोषित विधायकों ने दिए चुनौती
स्पीकर के इसी फैसले को छह अयोग्य घोषित हो चुके विधायकों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. इस मामले में मंगलवार को सुनवाई संभव है. राज्य सरकार ने भी मामले में सुप्रीम कोर्ट को उनके पास कैविएट दायर कर दिया है.


हिमाचल प्रदेश विधानसभा से अयोग्य घोषित हो चुके कांग्रेस विधायक चैतन्य शर्मा एवं अन्य बनाम हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष एवं अन्य मामले के तहत इसे सुप्रीम कोर्ट में सूचीबद्ध किया गया है. यह मामला सुप्रीम कोर्ट की कॉज लिस्ट के 36 नंबर पर है. इस रिट पिटीशन सिविल नंबर 156 / 2024 के रूप में पंजीकृत किया गया है.


मामले में मंगलवार को सुनवाई संभव
याचिकाकर्ता कांग्रेस के अयोग्य घोषित हो चुके विधायक चैतन्य शर्मा, देवेंद्र कुमार भुट्टो, इंद्र दत्त लखनपाल, राजिंदर राणा, रवि ठाकुर और सुधीर शर्मा की ओर से दायर की गई है.


सुप्रीम कोर्ट के सामने अपनी याचिका में बागी विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया के साथ राज्य के संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान को भी पार्टी बनाया है. मामले में सुनवाई मंगलवार को संभव है.


राज्य सरकार ने दायर किया है कैविएट
अगर इस मामले में मंगलवार (12 मार्च) को सुनवाई होती है, तो सुप्रीम कोर्ट राज्य सरकार को भी अपना पक्ष रखने का मौका देगा. क्योंकि हिमाचल प्रदेश मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार की ओर से मामले में कैविएट दायर किया गया है.


कैविएट याचिका किसी प्रतिवादी के खिलाफ कोई भी लड़ने से पहले सुनवाई का अधिकार देती है. इस मामले में मंगलवार को कोर्ट नंबर दो में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति दीपंकर दत्ता और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की तीन सदस्यीय पीठ सुनवाई कर सकती है.


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