Himachal Political Crisis: इन दिनों पूरे देश का ध्यान पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश की सियासत पर लगा हुआ है. राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस की बहुमत के बावजूद बीजेपी के प्रत्याशी हर्ष महाजन की जीत के बाद से सियासी उथल-पुथल बरकरार है. प्रदेश में हुई सियासी उठापटक के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू पहले की तरह अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र का दौरा कर बड़ी सौगात दे रहे हैं. लोकसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री के यह सभी दौरे बेहद अहम है, क्योंकि जल्द ही आदर्श आचार संहिता भी लागू होने वाली है. मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने रविवार को भी सोलन में एक जनसभा को संबोधित किया.


CM सुक्खू से नाराज थे विक्रमादित्य सिंह
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के साथ इस कार्यक्रम में लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह भी शामिल हुए. हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव से मची सियासी उथल-पुथल के बाद यह पहली बार था, जब लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह मुख्यमंत्री के साथ एक ही सार्वजनिक मंच पर नजर आए. लोक निर्माण मंत्री ने राज्यसभा चुनाव के अगले ही दिन खुले मंच पर आकर मुख्यमंत्री के साथ नाराजगी जाहिर की थी और अपना इस्तीफा भी दिया था. हालांकि बाद में आलकमान के दबाव में विक्रमादित्य सिंह ने अपना इस्तीफा वापस ले लिया.



बागी नेता सुधीर शर्मा ने साधा निशाना
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू और लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह जब एक मंच पर नजर आए, तो बागी नेता सुधीर शर्मा ने इशारों-इशारों में राजनीति में मंच साझा करने वाले इस संकट को लेकर बड़ा निशाना साधा. सुधीर शर्मा ने सोशल मीडिया पर लिखा- जो हमारे साथ थे अब एजेंसियो पर तंज कस रहे हैं उनके लिए, कैसे कैसे ऐसे वैसे हो गए,  ऐसे वैसे कैसे कैसे हो गए. यह उनके लिए जो FIR कर रहे है, इस दौर-ए-सियासत का इतना सा फ़साना है, बस्ती भी जलानी है मातम भी मनाना है. एक मंच पर आने के लिए दोनों को प्रेषित है. सुधीर शर्मा ने इस पोस्ट में मुख्यमंत्री और लोक निर्माण मंत्री का नाम तो नहीं लिखा लेकिन इशारा इशारों में ही अपनी बात खुलकर कह दी.


लोक निर्माण मंत्री ने जनसभा में क्या कहा?
सोलन में जनसभा के दौरान जब लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह बोलने के लिए मंच पर आए, तो उन्होंने पुलिस महकमे के आला अधिकारियों को आड़े हाथों लिया. विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि राज्यसभा चुनाव के दौरान जो कुछ हुआ, उसमें बहुत बड़ा इंटेलिजेंस फेलियर है. ऐसे में इन अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने की जरूरत है. लोक निर्माण मंत्री ने मुख्यमंत्री से अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने का भी आग्रह किया. इसके बाद लोक निर्माण मंत्री ने कहा कि वह हिमाचल प्रदेश के अधिकार के लिए हर लड़ाई लड़ेंगे. हमेशा की तरह सही का समर्थन और गलत का विरोध करते रहेंगे.


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