Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश में अब इस सीजन से सेब (Apple) की खरीद प्रति किलोग्राम के हिसाब से होगी. इसका रास्ता अब साफ हो गया है. बागवानों को मंडियों में अधिकतम 24 किलो की पेटी भरकर लानी होगी. मंडियों में अब यूनिवर्सल कार्टन के आधार पर ही बिक्री होगी. इससे बागवान बिचौलियों के शोषण से बच सकेंगे. दरअसल, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) ने कहा कि सरकार ने बागवानों की लंबित मांग को पूरा किया है. उन्होंने कहा कि अब मंडियों में यूनिवर्सल कार्टन में ही सेब की बिक्री होगी. उन्होंने कहा कि जब तक बाजार में यूनिवर्सल कार्टन की उपलब्धता नहीं होती, तब तक सेब का दाम किलो के हिसाब से मिलेगा.


सरकार की इस घोषणा के बाद कृषि सचिव ने इस बाबत अधिसूचना भी जारी कर दिया है. अधिसूचना के मुताबिक, सेब बेचने के लिए बागवानों को अपने घरों में ही तैयार फसल का वजन करना होगा. बागवानों को पेटी पर न मिटने वाले मार्कर के साथ वजन लिखना जरूरी किया गया है. बागवान पेटी में अधिकतम 24 किलो ही भर सकेंगे. मंडियों में वजन करने वाली मशीन की भी उपलब्धता होगी, ताकि पेटियों का वजन किया जा सके. इस कदम से अब सेब बागवान बिचौलियों के शोषण से बच सकेंगे. इससे पहले बिचौलियों के दबाव में सेब बागवानों को एक पेटी में कभी 28 तो कभी 30 किलो सेब डालने पड़ रहे थे. पेटी में सेब की मात्रा बढ़ाने के बावजूद बागवानों को पेटी के हिसाब से ही दाम मिल रहा था. ऐसे में अब प्रति किलोग्राम दाम मिलने से बागवानों को फायदा होगा.


संयुक्त किसान मंच ने किया फैसले का स्वागत
संयुक्त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान और सह संयोजक संजय चौहान ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि संयुक्त किसान मंच ने सरकार को 20 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा था. इसी बीच सूत्रीय मांग पत्र में संयुक्त किसान मंच की मांग नंबर-9 को सरकार ने पूरा कर दिया है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि सरकार आने वाले वक्त में अन्य मांगों को भी पूरा करेगी. सह संयोजक संजय चौहान ने कहा कि सरकार के इस फैसले से किस से बागवानों को फायदा होगा. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश की आर्थिकी में सेब का बड़ा योगदान है. ऐसे में सरकार का सहयोग बागवानों के हित में यह कदम उठाना स्वागत योग्य है.


क्या कहते हैं सेब बागवान?
हिमाचल प्रदेश सरकार के यूनिवर्सल कार्टन में सेब बिक्री के फैसले से बागवान भी खुश हैं. विकासशील बागवान रॉबिन शर्मा, सुधांशु ठाकुर, राजू आनंद और कमल ठाकुर ने कहा कि सरकार का यह फैसला स्वागत योग्य है. बशर्ते सेब मंडियों में इन नियमों का सख्ती से पालन होना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस बात का ध्यान रखने के लिए उप समिति का भी गठन किया गया है, लेकिन बावजूद इसके सेब सीजन के दौरान इन नियमों का पालन करवाना किसी चुनौती से कम नहीं होगा. यदि इन नियमों का सख्ती से पालन होता है, तो इससे सेब बागवान शोषण से बचेंगे और साल भर की मेहनत का सही दाम मिल सकेगा.



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