हाथरस। हाथरस के पीड़ित परिवार ने एबीपी से बातचीत में कई खुलासे किए. परिवार ने बताया कि कल एसआईटी की टीम ने उनसे मुलाकात नहीं की. गौरतलब है कि कल मीडिया को पुलिस ने ये कहकर रोका था कि परिवार से एसआईटी टीम मुलाकात कर रही है. इसीलिए जाने नहीं दिया जा सकता.


गौरतलब है कि एबीपी न्यूज की ख़बर के असर के बाद मीडिया को पीड़ित परिवार से बात करने की इजाजत मिल गई. जिसके बाद सबसे पहले एबीपी न्यूज की टीम पीड़ित परिवार से बात करने पहुंची.


डीएम ने धमकाया
पीड़िता के भाई ने ABP न्यूज की टीम को बताया कि हम सभी का फोन सर्विलांस पर डाला गया है. डीएम ने हमें धमकाया है. परिवार ने कहा कि उन्हें डराया धमकाया गया. किसी से बात नहीं करने दी. यहां तक कि बाहर भी नहीं निकलने दिया. परिवार ने डीएम पर और भी आरोप लगाए हैं. पीड़ित परिवार ने बताया कि DM ने उनसे कहा कि जब खाते में 25 लाख रुपये आ गए हैं तो अब चुप हो जाओ. परिवार ने बताया कि डीएम ने कहा कि अगर उनकी बेटी कोरोना से मरती तो मुआवजा भी नहीं मिलता. डीएम ने परिवार से कहा कि पोस्टमार्टम हुई बॉडी को देख लोगे तो खाना नहीं खा पाओगे.


अंतिम संस्कार पर संदेह
पीड़ित परिवार ने अंतिम संस्कार को लेकर भी संदेह जताया है. परिवार ने कहा कि पुलिस को ये बताना चाहिए कि उन्होंने किसका अंतिम संस्कार किया है. परिवार ने ये भी पूछा कि पुलिस को बताना चाहिए कि किसके कहने पर युवती का अंतिम संस्कार किया गया. उन्होंने ये भी कहा कि मीडिया को इजाजत देना प्रशासन की एक चाल है.


पुलिस पर भरोसा नहीं
पीड़ित परिवार ने यूपी पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाया है. साथ ही परिवार ने कहा कि उन्हें पुलिस पर भरोसा नहीं है. पीड़िता की बहन ने खुलासा किया है कि पुलिसवाले उनके घर भी आते हैं और फिर बाद में आरोपियों के घर पर भी जाते हैं. ऐसे में उन्हें पुलिस पर निष्पक्ष कार्रवाई का भरोसा नहीं है.


चारों दोषियों को जलाया जाए
पीड़ित परिवार ने मांग की है कि जैसे उनकी बेटी को जबरदस्ती जलाया गया वैसे ही चारों दोषियों को भी जलाकर मारा जाए.


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