Gujarat News: अहमदाबाद में जुलाई 2008 को सीरियल बम ब्लास्ट के मामले में स्पेशल कोर्ट ने दोषियों की सजा का ऐलान कर दिया है. वहीं जमीअत उलेमा ए हिंद अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी अहमदाबाद बम धमाकों में 38 दोषियों को मौत की सजा और 11 को उम्रकैद के विशेष अदालत के फैसले पर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि विशेष अदालत का फैसला अविश्वसनीय है, हम सजा के खिलाफ हाई कोर्ट जाएंगे और कानूनी लड़ाई जारी रखेंगे.


38 कैदियों को फांसी की सजा
दरअसल कोर्ट ने 49 में से 38 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई है, जबकि 11 दोषियों को आखिरी सांस तक कैद में रहने की सजा सुनाई गई है. मौलाना मदनी ने आगे कहा कि देश के नामी वकील, दोषियों को फांसी से बचाने के लिए मजबूती से कानूनी लड़ाई लड़ेंगे. हमें यकीन है कि इन लोगों को हाईकोर्ट से पूरा न्याय मिलेगा.


अक्षरधाम मंदिर मामले का दिया उदाहरण
मौलाना अरशद मदनी ने एक उदाहरण देते हुए कहा "अक्षरधाम मंदिर हमले का मामला है, जिसमें निचली अदालत ने मुफ्ती अब्दुल कय्यूम समेत तीन को फांसी की सजा सुनाई थी और चार को उम्र कैद की सजा दी गई थी और गुजरात हाई कोर्ट ने भी निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा था. लेकिन जब मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और वहां हमनें अपनी बात रखी तो सुप्रीम कोर्ट ने ना सिर्फ सभी लोगों को बाइज्जत बरी किया बल्कि कोर्ट ने निर्दोष लोगों को झूठे तरीके से बम ब्लास्ट में फंसाने की साजिश करने पर गुजरात पुलिस को भी कड़ी फटकार लगाई थी."


'हाई कोर्ट से मिलेगी राहत'
मदनी ने आगे कहा, "बम धमाकों जैसे ज्यादातर गंभीर मामलों में निचली अदालत कठोर फैसले देती है, लेकिन आरोपी को हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से हमेशा राहत मिलती है और हमें उम्मीद है कि इस मामले में भी आरोपियों को राहत मिलेगी. अगर जरूरत पड़ी तो हम इस मामले में भी सुप्रीम कोर्ट जाएंगे."


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