Gujarat Lok Sabha Elections 2024: गुजरात में जहां एक तरफ राजकोट से बीजेपी प्रत्याशी परषोत्तम रूपाला के बयान से राजपूत समाज में नाराजगी है. वहीं गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जामनगर में शाही परिवार के वंशज से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने समाज के लोगों के बलिदानों की तारीफ भी की. गुरुवार शाम को जामनगर में होने वाली चुनावी रैली से पहले पीएम मोदी जाम साहेब शत्रुशल्य सिंह से मुलाकात करने पहुंचे.


जाम साहेब से मुलाकात के बाद पीएम मोदी ने अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट कर लिखा, "आज जाम साहब शत्रुशल्य सिंह से जामनगर स्थित उनके आवास पर मुलाकात की. उनसे मिलना और बातचीत करना हमेशा एक अद्भुत सौभाग्य होता है. उनका जुनून और समझ अनुकरणीय है."


पीएम मोदी ने भूचर मोरी की लड़ाई को किया याद 
जाम साहेब शत्रुशल्य सिंह से मुलाकात के बाद पीएम मोदी सभा को संबोधित करने के लिए पहुंचे. इस दौरान उन्होंने भूचर मोरी की लड़ाई को याद किया, जो 1591 में नवानगर राज्य के नेतृत्व वाली काठियावाड़ की सेना और जामनगर में ध्रोल के पास भूचर मोरी पठार पर मुगल सेना के बीच लड़ी गई थी. इस लड़ाई को मुगल सेना ने जीता था, लेकिन दोनों तरफ से बड़ी संख्या में लोग इस लड़ाई में मारे गए थे. 


‘क्षत्रिय समुदाय के बलिदान के आगे सीएम पद का कोई महत्व नहीं’ 
पीएम मोदी ने कहा, "जब मैं गुजरात का मुख्यमंत्री था तब क्षत्रिय समुदाय के कुछ नेता मुझसे मिलने आए और मुझे भूचर मोरी में एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया. उनमें से एक ने मुझसे कहा कि हालांकि हम आपको आमंत्रित कर रहे हैं. लेकिन हम जानते हैं कि आप नहीं आएंगे."


पीएम ने कहा, "फिर मैंने उस व्यक्ति से पूछा कि आप ऐसा क्यों कह रहे हैं, इस पर उन्होंने बताया कि पहले कोई मुख्यमंत्री वहां नहीं गया था, क्योंकि किसी ने अफवाह फैला दी थी कि अगर कोई मुख्यमंत्री वहां जाएगा, तो वह अपना पद खो देगा. मैंने उनसे कहा कि मैं जरूर आऊंगा, क्योंकि क्षत्रिय समुदाय के बलिदान के सामने मेरे सीएम पद का कोई महत्व नहीं है. मैंने उस कार्यक्रम में भाग लिया था."


परषोत्तम रूपाला की टिप्पणी से नाराज है क्षत्रिय समुदाय
बता दें कि क्षत्रिय समुदाय, जिसे राजपूत भी कहा जाता है, बीजेपी प्रत्याशी परषोत्तम रूपाला के पूर्व शासकों के लिए किए गए बयान से नाराज है. रूपाला ने यह दावा करके विवाद पैदा कर दिया था कि तत्कालीन 'महाराजाओं' ने विदेशी शासकों के उत्पीड़न के आगे घुटने टेक दिए थे और अंग्रेजों ने अपनी बेटियों की शादी भी उनसे कर दी. गुजरात में क्षत्रिय समुदाय ने इस टिप्पणी पर कड़ी आपत्ति जताई. क्योंकि तत्कालीन राजघरानों में अधिकांश राजपूत थे. 


इसके बाद से क्षत्रिय समुदाय लगातार परषोत्तम रूपाला की उम्मीदवार रद्द करने की मांग कर रहा है. लेकिन, बीजेपी ने उनकी उम्मीदवार रद्द नहीं की तो क्षत्रिय समुदाय राज्यव्यापी आंदोलन शुरू कर दिया है. इसके साथ ही घोषणा की कि गुजरात के राजकोट और जामनगर सहित कम से कम 10 सीटों पर बीजेपी को हराने के लिए 7 मई के चुनाव से पहले 4 'महासम्मेलन' या बड़ी सभाएं की जाएंगी.


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